अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल में हुआ विलय, एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने मिलाई लौ

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    नई दिल्ली: इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय लौ मेमोरियल में विलय हो गया है। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने अमर ज्योति जवान की राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिलाई। ज्ञात हो कि, कल सरकार ने अमर ज्योति की लौ को वॉर मेमोरियल की लौ में एकीकरण करने का निर्णय लिया था। 

    सरकार के लिए इस निर्णय पर एक ओर जहां विपक्ष ने केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। वहीं कई पूर्व सैनिकों ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!”

    राहुल और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी और आरजेडी ने भी सरकार के इस निर्णय की निंदा करते हुए हमला बोला। 

    कांग्रेस और विपक्ष के हमले पर केंद्र और भाजपा ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि, “जिन्होंने… जवानों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का प्रमाण मांगा। शहीदों को समर्पित प्रथम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि नहीं दी। सुना है, वो आज राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे है! कोई कह दे उनसे, सच्चे राष्ट्रभक्त ‘भारत के टुकड़े’ का नारा लगाने वालों का समर्थन नहीं करते।”

    भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, “अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं। यहाँ सही दृष्टिकोण है: अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्वाला में विलीन किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “यह देखना अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई नाम वहां मौजूद नहीं है।”

    पात्रा ने अगले ट्वीट में लिखा, “1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों के सभी भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं। इसलिए वहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सच्ची श्रद्धांजलि है।” उन्होंने आगे कहा, “विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।”