नई दिल्ली: राज्यसभा ने सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार द्वारा लाये गये संशोधन के साथ वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई तब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सुबह जो आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर नहीं रखे जा सके थे, उन्हें रखा गया मान लिया जाए। इसी बीच कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक सदन में पेश किया।
सदन ने चर्चा के बिना जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। इसके बाद सभापति की अनुमति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वित्त विधेयक 2023 को सदन में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने एक संशोधन भी पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया
Finance Bill 2023 was passed and returned by Rajya Sabha today.
— ANI (@ANI) March 27, 2023
सभापति धनखड़ ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। निचले सदन में यह विधेयक 24 मार्च को पारित हुआ था। (एजेंसी)