नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोयला संकट की खबरों के बीच सोमवार को बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और इस समय बिजली की मांग पर चर्चा की।
बैठक में बिजली और कोयला मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने कहा कि बैठक कई राज्यों द्वारा बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण संभावित बिजली संकट की चेतावनी के मद्देनजर हुई।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत आठ अक्टूबर को 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई है।
Delhi: Union Power Minister RK Singh, Coal Minister Pralhad Joshi along with officials of Power and Coal Ministry arrive at MHA to meet Union Home Minister Amit Shah.
NTPC officials are also present in the meeting. pic.twitter.com/81ohPHxrAn
— ANI (@ANI) October 11, 2021
टाटा पावर की इकाई टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में बिजली वितरण का काम करती है, ने शनिवार को अपने उपभोक्ताओं को फोन पर संदेश भेजकर कोयले की सीमित उपलब्धता के चलते विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया था।
बिजली मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की कोयले की कुल आपूर्ति 15.01 लाख टन प्रतिदिन तक पहुंच गई। इस कारण खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच अंतर कम हो गया। कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिन में बिजली क्षेत्र में कोयले की को बढ़ाकर 16 लाख टन प्रतिदिन करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन किया जाएगा।
बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में कमी होने के चार कारण हैं- अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, कोयला खदानों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और ढुलाई पर प्रतिकूल प्रभाव, आयातित कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और मानसून से पहले पर्याप्त कोयला स्टॉक न करना।
इस बीच मंत्रालय ने यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई बिजली वितरण कंपनी पीपीए के अनुसार बिजली उपलब्ध होने के बावजूद कटौती का सहारा लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है। मंत्रालय ने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया।
इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि कोयले की कमी की वजह से देश में बिजली संकट पैदा हो सकता है। इसके बाद मंत्रालय का यह बयान आया है।