petrol diesel price
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    नई दिल्ली. एक तरफ जहाँ लागत बढ़ने के बावजूद भी ईंधन (Petroleum)के दाम लगभग 2 महीने से स्थिर होने के साथ पेट्रोलियम कंपनियों में अब नुकसान (Under Recovery) का मुद्दा उठना शुरू हो गया है। वहीं अब ये नुकसान पेट्रोल के मामले में 7.1 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल पर 20.4 रुपये लीटर पहुंच गया है। इधर अब मामले पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, खुदरा ईंधन बेचने वाली कंपनियों ने सरकार से इस मामले में संपर्क कर इसमें ‘राहत’ मांगी है। हालांकि, उन्होंने तपाक से यह भी कहा कि कीमत तय करने के बारे में फिलहाल कंपनियों को ही फैसला करना है।

    क्या  निजी पेट्रोलियम कंपनियां  बना रही प्रॉफिट 

    हालांकि उन्होंने इस बाबत से पल्ला झाड लिया कि निजी पेट्रोलियम रिफाइनरी कंपनियां रूस से सस्ती दर पर कच्चा तेल आयात कर तथा तैयार पेट्रोलियम उत्पाद अमेरिका को निर्यात कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही हैं। वहीं बाद में मंत्री पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा के दाम में तेजी से तेल एवं गैस कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर लगाने के बारे में निर्णय के लिये वित्त मंत्रालय उपयुक्त प्राधिकरण है।

    वहीं पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, “हमारे सभी कॉरपोरेट नागरिक काफी जिम्मेदार हैं। ईंधन के दाम की समीक्षा का काम कंपनियां करती हैं।” उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां ईंधन के दाम में संशोधन को लेकर उनके पास सलाह के लिये नहीं आतीं।

    क्या हैं IOC,HPCL और BPCL के हाल 

    गौरतलब है कि तेल के दाम में आ रही तेजी के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि। (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि। (BPCL) अप्रैल से ईंधन के दाम नहीं बढ़ाए हैं। यह सिलसिला बीते 57 दिनों से अनवरत चल रहा है।

    वहीं बीते महीने मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6रुपये/लीटर का उत्पाद शुल्क घटाया। इस कटौती का लाभ ग्राहकों को दिया गया है। हालाँकि इसे पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहे नुकसान की भरपाई में समायोजित नहीं किया गया है।

    अब जहां एक तरफ सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियां नुकसान के बाद भी अपना कामकाज कर रही हैं, वहीं रिलायंस-बीपी और नायरा एनर्जी जैसी निजी कंपनियों ने हानि को कम करने के लिये परिचालन में कटौती की हैं। हालाँकि निजी तेल रिफाइनरी कंपनियों के रूस से सस्ती दर पर कच्चा तेल आयात कर तथा तैयार पेट्रोलियम उत्पाद अमेरिका तथा अन्य देशों को निर्यात कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही है। 

    ऐसे कमाया जा रहा मुनाफा 

    निजी तेल रिफाइनरी कंपनियों के रूस से सस्ती दर पर कच्चा तेल आयात कर तथा तैयार पेट्रोलियम उत्पाद अमेरिका तथा अन्य देशों को निर्यात कर अच्छा-खासा मुनाफा कमाने के बारे में आ रही रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि किस देश का कच्चा तेल प्रसंस्करण के लिये किस रिफाइनरी में गया और निर्यात किया जाने वाला उत्पाद किस कच्चे तेल का है।

    क्या होगा आगे 

    इस मुद्दे पर मंत्री पूरी ने साफ़ किया कि, ” अब अगर रूस का कच्चा तेल निजी रिफाइनरी में आ रहा है और फिर उसे अमेरिका को (तैयार उत्पाद के रूप में) निर्यात किया जा रहा है, लेकिन मैं इसका कभी पता नहीं लगा पाऊंगा। इसकी संभावना नहीं है।” उनका आगे कहना था कि, यह वित्त मंत्रालय का मामला है।