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नई दिल्ली. जहां एक तरफ मणिपुर (Manipur) में इस समय अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में मेइती को शामिल करने की मांग को लेकर जबरदस्त हिंसक विरोध जारी है। वहीं अब इम्फाल, चुराचांदपुर और अन्य क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में आदिवासियों और मैतेई लोगों के बीच भी कुछ बड़ी झड़पों की सूचना मिली है। 

ऐसे में अब हिंसा को देखते हुए राज्य  की ‘बीरेन सिंह’ सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है। दरअसल अब यह साफ़ आदेश है कि, उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाए। साथ ही अब भारतीय सेना भी अलर्ट मोड पर है। सेना ने राज्य में सुरक्षा स्थिति से संबंधित फर्जी वीडियो को लेकर भी आमजन को सतर्क रहने के लिए कहा है।

इधर मामले की संगीनता को देखते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि, “मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। मैं मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और इस संकट की घड़ी में असम सरकार ने पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया है।” 

आपको जानकारी दें कि, राज्य के वर्तमान परिदृश्य में फिलहाल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है। वहीं सेना और असम राइफल्स ने बीते गुरुवार यानी 4 मई को चुराचांदपुर और इंफाल घाटी के कई इलाकों सहित काक्चिंग जिले के सुगनु में फ्लैग मार्च किया था। इसके साथ ही स्थिति की निगरानी में लगे केंद्र की ‘मोदी’ सरकार ने राज्य में ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (RAF) की भी तैनाती की है।