INDIA-CHINA
Pic: ANI

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    नई दिल्ली. जहां एक तरफ अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में भारत-चीन के सैनिकों (Indo-China Soldiers) के बीच 9 और 11 दिसंबर को जोरदार हिंसक झड़प हुई। वहीं इस इस झड़प में दोनों देशों के ही जवान घायल हुए। वहीं अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घायल होने वालों में इस बार भी चीनी सैनिकों की संख्या ज्यादा है।

    इधर इस मामले पर अब अरुणाचल के सांसद तापिर गाव ने एक बड़ा बयान दिया है। भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई इस झड़प को लेकर ‘गाव’ ने कहा है कि ऐसी घटनाएं अब बार-बार हो रही हैं। हम इनकी निंदा करते हैं, लेकिन हम बिल्कुल भी पिटने वाले नहीं हैं। भारत-चीन के बीच ये विवाद कांग्रेस ने ही पैदा किया था। कांग्रेस को अपनी सरकार में मैकमोहन लाइन को कंट्रोल करना ही चाहिए था। उन्होंने कहा कि, इस झड़प में हमारे कई सैनिक घायल हैं, लेकिन चीन के सैनिक इसमें  ज्यादा घायल हुए हैं। 

    वहीं सूत्रों के अनुसार, ऐसा भी बताया जा रहा है कि झड़प में दोनों तरफ से सैनिकों के हाथ और पैर की हड्डी टूट गई है। यहां दोनों तरफ से करीब 500 सैनिक थे। इनमें भारतीय सैनिकों ने करीब 300 चीनी सैनिकों को तबियत से ‘धुनने’ के बाद उन्हें वहां से खदेड़ दिया।झड़प में सबसे ज्यादा चीन के सैनिक जख्मी हुए हैं।इस झड़प के तुरंत बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति पर लौट गए हैं। दोनों देशों क एरिया कमांडरों ने फ्लैग मीटिंग करके सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा की। 

    वहीं ऐसा भी बताया जा रहा है कि, भारत को तवांग में चीन की इस हरकत का पहले से ही थोडा बहुत अंदेशा था। इसी के चलते, भारत ने भी इस तरह की किसी भी घटना का सामना करने के लिए पहले से ही जबरदस्त तैयारी करके रखी थी। इसके तहत तवांग में बोफोर्स, होवित्ज़र की पहले से तैनाती कर ली गई थी। वहीं तवांग के अंदर चिनूक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी तैनात किए गए थे। चीन की PLA से निपटने के लिए भारतीय सेना अब लगातार ड्रिल्स भी कर रही थी। वहीं सूत्रों की मानें तो इंडियन आर्मी ने अब तवांग के अंदर ‘न्यू एज सर्विलांस सिस्टम’ भी लगा रखे हैं।