Bhagwant Mann will meet Arvind Kejriwal in Tihar Jail today Bhagwant Mann will meet Kejriwal in Tihar Jail, Delhi CM's judicial custody ending today itself
अरविंद केजरीवाल- भगवंत मान (सौजन्य: सोशल मीडिया)

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    नई दिल्ली: भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार जब से बनी है तब से राज्य का असली मुख्यमंत्री कौन है इसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल पूछ रहा है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब के बड़े अधिकारीयों के साथ बैठक की है। यह खबर सामने आने के बाद विपक्षी कांग्रेस, भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमलावर हो गई है। इसी के साथ उन्हसे सफल पूछा है कि, राज्य का असली मुख्यमंत्री कौन है?

    अब माथा भी टेक दिया है क्या?

    कांग्रेस के नवनिर्वाचित प्रधान अमरिंदर  सिंह राजा ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, ऊर्जा सचिव दिलीप कुमार और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष बलदेव सिंह सरन के साथ बैठक की। इस बैठक में न मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल थे न ऊर्जामंत्री हरभजन सिंह। हालंकि, सांसद राघव चड्डा और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जरूर शामिल थे।”

    उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि, “क्या दिल्ली वालों द्वारा पंजाब की कठपुतली बनाई जाएगी, किस हैसियत से और किस मुद्दे पर यह बैठक हुई. ” उन्होंने मुख्यमंत्री मान पर हमला बोलते हुए पूछा कि,”सर तो झुका दिया ही था अब माथा भी टेक दिया है क्या?”

    जिसका डर वही हुआ 

    पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसको लेकर आप और मान पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “जिसका डर था वही हो रहा है। अरविंद केजरीवाल ऐसा होने की उम्मीद से बहुत पहले पंजाब पर कब्जा कर लिया है।भगवंत मान एक रबर स्टैंप है पहले से ही एक निष्कर्ष था, अब केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करके इसे सही साबित कर दिया है।”

    पंजाबी गौरव का अपमान

    पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने केजरीवाल और मान से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “चलने दो आंधियाँ हकीकत की, न जाने कौन से झोंके से बहरूपियों के मुखौटे उड़ जाएं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अनुपस्थिति में पंजाब के आईएएस अधिकारियों को अरविन्द केजरीवाल ने किया तलब। यह डिफैक्टो सीएम और दिल्ली रिमोट कंट्रोल को उजागर करता है। संघवाद का स्पष्ट उल्लंघन, पंजाबी गौरव का अपमान। दोनों को स्पष्ट करना चाहिए।”