नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें राज्य के पश्चिम बर्धमान जिले में एक कंबल वितरण कार्यक्रम में मची भगदड़ के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendhu Adhikari) और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था।
बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ से कहा कि वह मामले में प्राथमिकी दर्ज करने पर ‘‘पूर्ण” रोक लगाने वाले उच्च न्यायालय के आदेश में बदलाव का अनुरोध कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि उक्त आदेश पारित करने वाले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश उपलब्ध नहीं थे, इसलिए इसमें संशोधन के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है।
SC refuses to entertain plea by WB govt seeking to register FIR regarding stampede at blanket distribution event organised by BJP leader Suvendu Adhikari in WB. State govt to withdraw the plea. SC grants liberty to WB Govt to move to Calcutta HC for appropriate directions. pic.twitter.com/fJDZfiM11f
— ANI (@ANI) December 15, 2022
पीठ ने ‘‘इस स्तर पर” याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का रुख करे। इसके बाद राज्य सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली। पुलिस के मुताबिक, पश्चिम बर्धमान जिले में कंबल वितरण कार्यक्रम में बुधवार को भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।