
नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश (Uttar Ptadesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में भगवान राम के ससुराल पक्ष यानि नेपाल (Nepal) के जनकपुर का जानकी मंदिर भी अब एक बड़ा और अद्भुत योगदान देने जा रहा है। जी हां, भगवान राम की प्रतिमा निर्माण के लिए नेपाल की कालीगंडकी नदी से शालिग्राम शिला के टुकड़े को अयोध्या लाया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल के कालीगंडकी नदी से करीब 350-400 टन वजन का विशाल शालिग्राम चट्टान का टुकड़ा 31 जनवरी को अयोध्या भेजा जाएगा। इस शिला का परिक्षावन 30 जनवरी में जनकपुर में किया जाएगा। उसके बाद इसे सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जाएगा।
भारतको अयोध्यास्थित भगवान रामको मन्दिर बनाउन नेपालको पवित्र कृष्णगण्डकीबाट शिला लगिँदै। विशेष पूजापछि उक्त शिला ट्रकमा हालेर अयोध्या लगिएको हो। pic.twitter.com/yIf89hcSsq
— Nepalkhabar (@nepalkhabar) January 26, 2023
वहीं नेपाल के जनकपुर की जानकी मंदिर से जुड़े लोगों ने भगवान राम को धनुष बनाकर देने की पेशकश भी की थी। इस बावत विगत 30 जुलाई को नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विमलेंद्र निधि और जानकी मंदिर जनकपुर के महंत रामतपेश्वर दास के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने नेपाली जनता की ओर से अयोध्या जाकर श्री रामजन्मभूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, स्वामी गोविंददेव गिरी और निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र से मिलकर अपनी इच्छा को प्रकट किया था।
इधर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय की तरफ से जानकी माता मंदिर को 2 पत्र लिखकर कालीगंडक नदी की शिलाखंड और श्रीराम का धनुष भेंट करने का उनके आग्रह को स्वीकृति दी गई थी।इसी के चलते अब नेपाल के कालीगंडकी नदी से शिला ढूंढकर निकलने का काम पूरा हो चुका है। कालीगंडकी नदी के बिल्कुल किनारे पूरे विधि विधान के साथ मंत्रोच्चारण की ध्वनि के बीच अयोध्या लाने के लिए शिला का पूजन किया गया।
क्यों हैं कालीगंडकी नदी से निकले शिलाखंड महत्वपूर्ण
जानकारी दें कि, नेपाल की कालीगंडकी नदी से शिलाखंड महत्वपूर्ण इसलिए माने जाते हैं क्योंकि कि सनातन धर्म में भगवान विष्णु के प्रतीक रूप में पूजे जाने वाले शालिग्राम उसी नदी से निकलते हैं। वहीं कालीगंडकी नदी के शालिग्राम बेस्ट क्वालिटी के माने जाते हैं और कहा जाता है कि ये इतना मजबूत होते हैं कि किसी भी प्राकृतिक दुर्घटना से भी उनको क्षति नहीं पहुंच सकती।
बताते चलें कि, शालिग्राम वाली शिला किसी भी संगमरमर से भी अधिक मजबूत होती है। वैसे तो भारत में भी शालिग्राम नर्मदा नदी से भी निकलते हैं, लेकिन कालीगंडकी वाले शालिग्राम की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी और बेस्ट क्वालिटी मानी जाती है। हालांकि अभी ये तय नहीं किया गया है कि भगवान राम की मूर्ति किस पत्थर से बनाई जाएगी और उनका धनुष किस चीज से बनेगा और उसका शेप साइज क्या होगा, किस धातु का होगा लेकिन यह नेपाली जनता की भावना का आदर भाव है।
वहीं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में नेपाल की ओर से शिला और भगवान राम का धनुष भेंट किए जाने पर नेपाल के पूर्व गृहमंत्री विमलेंद्र निधि भी बहुत खुश और संतुष्ट हैं। उनका यह मानना है कि इस कार्य से दोनों देशों के बीच पहले से ही चला आ रहा ऐतिहासिक रिश्ता और संबंध अब और भी प्रगाढ़ होंगे।