हड़ताल (Photo Credits-ANI Twitter)
हड़ताल (Photo Credits-ANI Twitter)

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    नई दिल्ली: कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालने वाली सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल (Bank Strike) सोमवार को शुरू हो गई। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की तरफ से बुलाई गई दो दिनों की राष्ट्रीय हड़ताल शुरू हो गई है। 

    उन्होंने कहा कि इस हड़ताल को झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला खनन क्षेत्रों के अलावा असम, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गोवा और ओडिशा के औद्योगिक क्षेत्रों से अच्छी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों एवं बीमा क्षेत्र की सेवाएं भी हड़ताल की वजह से प्रभावित हुई हैं। वहीं स्टील एवं तेल क्षेत्रों पर इसका आंशिक असर देखा जा रहा है। इस हड़ताल ने बैंकों के कामकाज पर भी असर डाला है। हालांकि यह असर आंशिक रूप से ही देखा जा रहा है क्योंकि बैंक कर्मचारी संगठनों का एक हिस्सा ही इस हड़ताल का साथ दे रहा है। 

    निजी क्षेत्र के नए बैंकों का कामकाज इससे लगभग बेअसर है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि इस हड़ताल का असर पूर्वी भारत में ज्यादा देखा जा रहा है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तमाम शाखाएं बंद हैं। अन्य क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में अधिकारियों की मौजूदगी होने के बावजूद कर्मचारियों के अनुपस्थित होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। 

    भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओआई) भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दे रहे हैं। एटक के अलावा श्रमिक संगठन सीटू और इंटक समेत कुल 10 संगठन हाल में किए गए श्रम सुधारों और निजीकरण की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा मनरेगा के लिए बजट आवंटन बढ़ाने और संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की भी मांग है। (एजेंसी)