भैयाजी जोशी ने कहा- कला के माध्यम से समाज में प्रदूषण फैलाया जा रहा है

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    जयपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भैयाजी सुरेश जोशी ने कला के ‘विकृत रूप’ पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि उसके माध्यम से समाज में प्रदूषण फैलाया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर भी चिंता प्रकट की एवं कहा है कि भारत में विद्या बेचने का नहीं, दान का विषय रहा है। उन्होंने कहा,‘‘देश में कला का श्रेष्ठ स्थान रहा है लेकिन इसके माध्यम से समाज में प्रदूषण फैलाया जा रहा है, इसे ठीक करने की आवश्यकता है। इसी तरह धर्म का भी भारतीय समाज में बड़ा महत्व रहा है।”

    वह शुक्रवार को भारत विकास परिषद, राजस्थान उत्तर-पूर्व प्रांत की ओर से आयोजित प्रबुद्ध एवं संभ्रांत जन संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास रहा है कि कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया गया एवं हर व्यक्ति सहकारिता के साथ जीता है। यहां जारी एक बयान के अनुसार कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन कभी आत्मकेंद्रित नहीं रहा, बल्कि सर्व कल्याण का रहा है, यह सबके साथ शांति के साथ रहने का संदेश देने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषी, ऋषि, सन्यासी और विद्वान जहां भी गए, यह ज्ञान लेकर गए ।

    उन्होंने कहा कि आज भारत को जानने की महती आवश्यकता है, क्योंकि भारत को भारतीय दृष्टि से जानने वाले कम है। उन्होंने कहा कि हमें भारत को जानने वाला ही नहीं बल्कि भारत को मानने वाला भी बनना है। भैयाजी ने कहा कि देश को आगे ले जाने में विद्वान, रक्षा करने वालों, उद्योग धंधे चलाने वालों, नियमित श्रम करने वालों, सभी लोगों का योगदान है तथा भिन्न भिन्न शक्तियां के योगदान से हजारों वर्षों से हमारा समाज चलता आया है। (एजेंसी)