भारतीय किसान यूनियन का संयुक्त किसान मोर्चा पर बड़ा आरोप, ये सभी कांग्रेस के ख़रीदे हुए

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    नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसान संगठन (Farmer Organization)  पिछले साढ़े तीन महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। सभी केंद्र सरकार (Central Government) से तीनों कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। सभी संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के तले आंदोलन कर रहे हैं। वहीं अब आंदोलन में साथी रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) (Bhartiya Kisan Union- Bhanu) ने मोर्चा बड़ा आरोप पर लगाया है। सोमवार को संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह (Bhanu Pratap Singh) ने कहा कि, “मोर्चा में शामिल सभी संगठन कांग्रेस (Congress) के ख़रीदे हुए हैं।”

    पत्रकारों से बात करते हुए भानु ने कहा, “26 जनवरी को हमें मालूम पड़ा था कि जितने भी यह संगठन सिंघु बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे। ये सब कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए संगठन थे। कांग्रेस इनको फंडिंग कर रही थी।”

    किसान नेता ने कहा, “जब हमें मालूम पड़ा कि इन्होंने 26 जनवरी को पुलिस पर हमला किया। इन्होंने लाल किले पर दूसरा झंडा फहराया। उसी दिन हमने संकल्प लिया कि हम इनके साथ नहीं रहेंगे और हम चले आए।”

    सरकार से कानूनों को लेकर करेंगे बात 

    किसान नेता ने एमएसपी  पर कहा , “हम समाधान के लिए केंद्र से बात करेंगे और उन्हें एक किसान समिति बनाने के लिए कहेंगे जो एमएसपी पर सलाह देगी। अब तक मांगें पूरी नहीं हुई हैं, क्योंकि जो लोग दूसरों के द्वारा भेजे गए हैं, वे 4-5 वर्षों के लिए इसमें देरी करना चाहते हैं। यह केवल आतंकवादियों के शब्द हो सकते हैं और भारतीय किसानों के नहीं।”