नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में आतंकी समूहों द्वारा किए जा रहे आम नागरिकों के हत्या की जांच अब एनआईए करेगी, बता दें कि केंद्र सरकार ने इस मामले के जांच एनआईए को सौंप दी है। इससे पहले भी एनआईए पाकिस्तान के काले मनसूबों को नाकामयाब किया है।
सूत्रों के मुताबिक श्रीनगर, कुलगाम हुए दूसरी जगहों में जो टारगेट किलिंग हुई है। उसकी जांच के लिए गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है। एनआईए के अतिरिक्त डीजीपी का कार्यकाल संभल रहे कुलदीप सिंह फ़िलहाल कश्मीर में ही मौजूद है। ज्ञात हो की आतंकियों सबसे पहले कश्मीरी पंडित फार्मासिस्ट माखन लाल बिंद्रू को गोली मारी थी। जिसके बाद बिहार के वीरेंद्र पासवान और बांदीपोरा के मो. शफी लोन को भी मारा था।
वहीं इस घटना के 48 घंटे बाद यानी सात अक्टूबर को प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद को एक साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई।घटना क के वक्त दोनों स्कूल में मौजूद थे। बता दें कि आतंकियों ने इन्हें गोली मारने से पहले इनके पहचान पत्र देखे थे। इसके बाद 16 अक्टूबर को बिहार के अरविंद कुमार साह और यूपी के सगीर अहमद को गोली मारी गई। 17 अक्तूबर को बिहार के राजा ऋषि देव व जोगिंदर ऋषि देव को निशाना बनाया गया। जहां चुनचुन रिषि देव की हालत अभी गंभीर है।
गौरतलब है कि एनआईए द्वारा कई सप्ताह से घाटी में छापेमारी की जा रही है। जिनके यहां छापे पड़े हैं, उन पर आतंकियों की मदद करने का आरोप है। ऐसे कई लोगों की प्रॉपर्टी जब्त की गई हैं।वहीं कुछ लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। कश्मीर में जिन सिविलियन और नॉन-लोकल्स को मारा गया है। इन घटनाओं के पीछे पीछे नए आतंकी संगठनों का साजिश बताई जा रही है।