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    नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण आए आर्थिक संकट (Economy Crisis) से जूझ रहे भारत (India) को बड़ी राहत मिली है। देश की अर्थ व्यवस्था (Economy) फिर से पटरी पर आने लगी है। मंगलवार को जारी किए आकड़ो में सकल घरेलु उत्पाद (Gross Domestic Product) में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में रिकॉर्ड  20.1 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। जो अब तक की रिकॉर्ड ग्रोथ है।

    राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये मार्च से मई के दौरान देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया था। जिसके कारण अर्थव्यवस्था पर बड़ा संकट आगया था। 

    आरबीआई ने जताई थी 21.1 प्रतिशत की वृद्धि 

    देश में कोरोना संकट के कारण लगाए लॉकडाउन के वजह से अर्थव्यवस्था पर बड़ा बुरा असर हुआ था। लेकिन, जैसे जैसे मामलों में कमी आई राज्यों ने धीरे-धीरे अनलॉक करना शुरू किया। अनलॉक की प्रक्रिया पूरी तरह शुरू होने और बाजारों के पुन्हा खुलने के बाद रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 21.1 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई थी। वहीं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने 18.5 प्रतिशत होने को कहा था

    टोटल जीडीपी 30.1 लाख करोड़ 

    इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान टोटल जीडीपी 30.1 लाख करोड़ रुपए का रहा। अगर GDP ग्रोथ को सेक्टर के हिसाब से देखें, तो सबसे ज्यादा 68.3% का उछाल कंस्ट्रक्शन सेक्टर में आया। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सालाना ग्रोथ 49.6% रही, जबकि माइनिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट 18.6% रहा। जून तिमाही में नॉमिनल GDP ग्रोथ 31.7% रही, जबकि ग्रॉस वैल्यू ऐडेड यानी GVA सालाना आधार पर 18.8% बढ़ा।

    क्या है सकल घरेलू उत्पाद (GDP)?

    किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं। यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है। इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है। कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया।