नई दिल्ली/पटना. जहां एक तरफ बिहार के छपरा में हुई जहरीली शराब से मौतों के मामले अब भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीँ अब प्रप्त खबर के अनुसार इससे मरने वालों कि संख्या अब 70 पहुंच गयी है। वहीँ विभिन्न जागों पर इलाज करा रहे लोगों कि हो रही मौतों से अब इसकी संख्या और भी बढ़ने के असार हैं।
#UPDATE | Bihar: The death toll in the Chapra hooch tragedy rises to 70.
— ANI (@ANI) December 17, 2022
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
जानकारी दें कि, इस मामले में याचिका अब सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गई है। जिसमें छपरा शराबकांड की जांच एसआईटी से कराने का अनुरोध करने वाली दायर की गई है। वहीँ CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के सामने इस याचिका का जिक्र तत्काल सूचीबद्ध किए जाने के लिए किया गया। लेकिन फिर पीठ ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इस बाबत वकील पवन प्रकाश पाठक से कहा कि, याचिकाकर्ता को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया का और निर्देशों का पालन करना होगा।
CM नीतीश के तल्ख़ बोल
वहीं इस मामले में बीते शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ़ कहा था कि, कि जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर किसी तरह का को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि, “शराब पीने से लोग मरे हैं। आप शराब पियोगे तो मरोगे। शराब पीना अच्छा नहीं है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि, ” हमारी सरकार शराब पीने वालों की कोई भी मदद नहीं करेगी। शराब पीकर लोग मर जाएंगे और हम मुआवजा देंगे? यह तो सवाल ही पैदा नहीं होता।”CM नितीश ने साथ ही बीते गुरूवार को यह हिदायत दी थी कि, अगर लोग जहरीली शराब का सेवन करेंगे तो वे मौत को गले लगाएंगे।
मुख्यमंत्री की इस तल्ख़ और तीखी टिप्पणी तब आई जब शराबबंदी की उनकी नीति पर राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने उनके पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर सहित कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग की थी।
BJP लामबंद
जानकारी दें कि, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बीते 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस बीच अब विपक्षी दल BJP ने आरोप लगाया कि सरकार जहरीली शराब से मरने वालों की कुल संख्या को छिपा रही है। फिलहाल मरने वालों कि संख्या 70 के पास बताई जा रही है, जिसके बढ़ने का भी अंदेशा है।