नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद पूर्व नेवी अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kul Bhushan Jadhav) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। पाकिस्तान की संसद (Pakistan Parliament) ने जाधव को सेना की अदालत से मिली सजा के खिलाफ अपील करने को लेकर एक विधेयक पास कर दिया है। इस बिल के पास हो जाने के बाद जाधव अब अपनी सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं। पाकिस्तानी सरकार ने यह यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय अदालत (International Court of Justic) के दिए आदेश के बाद पास किया है।
अक्टूबर 2020 पाक संसदीय समिति ने दी थी मंजूरी
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) अध्यादेश शीर्षक से प्रस्तुत मसौदा विधेयक पर नेशनल असेंबली की विधि एवं न्याय से संबंधित स्थायी समिति ने 20 अक्टूबर 2020 को चर्चा कर अपनी मंजूरी दी थी। समिति की बहस में हिस्सा लेते हुए पाकिस्तान की न्याय एवं विधि मंत्री फरोग नसीम ने कहा था कि, “यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के तहत लाया गया है।” उन्होंने चेतावनी दी कि, “अगर विधेयक को संसद मंजूरी नहीं देती तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का अनुपालन नहीं करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।”
क्या है पूरा मामला?
ज्ञात हो कि, जासूसी और आतंकवाद में शामिल होने के आरोप में भारतीय नौसेना से अवकाश प्राप्त 50 वर्षीय अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने पाकिस्तान के सैन्य अदालत के फैसले और जाधव को राजनयिक संपर्क देने से इनकार करने के खिलाफ वर्ष 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में दिए फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी ठहराने और सजा देने के फैसले की प्रभावी तरीके से समीक्षा करे और पुनर्विचार करे। इसके साथ ही अदालत ने भारत को बिना देरी जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया।