Varun Gandhi wrote a letter to PM Modi, said - farmers killed during the movement should get compensation, said this big thing about Lakhimpur Kheri incident
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    नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence) को लेकर देश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। इस पूरी घटना को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi) ने लाइन से हटकर बयान दिया हैं। खबरें है कि भाजपा आलाकमान इससे नाराज है। ऐसा कहा जा रहा है कि वरुण के इस रुख के चलते ही बीजेपी ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी अपने इस निर्णय से सीधा संदेश यही देना चाहती है कि बीजेपी के खिलाफ लिया गया स्टैंड किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके वरुण के तेवर से सवाल उठ रहा है कि क्या वह बीजेपी से बगावत कर सकते हैं? उनके कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की भी अटकलें हैं। हालांकि इसे लेकर कोई औपचारिक बयान वरुण गांधी की तरफ से नहीं आया है। 

    वहीं वरुण गांधी को बीजेपी ने साइडलाइन कर दिया है। जिससे वह नाराज हो गए हैं। वरुण तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर लोकसभा में पहुंचे हैं। बावजूद इसके उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया। वरुण के सब्र का बांध अब टूट गया है। यही कारण है कि वरुण गांधी लगातार किसान आंदोलन और किसानों के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। वे लगातार किसानों के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल होंगे। 

    दरअसल बीजेपी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाए जाने के बाद वरुण ने एक बयान में कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि मैंने पिछले पांच सालों में इसकी बैठकों में कोई हिस्सा नहीं लिया। इससे साफ है कि वरुण की दिलचस्पी अधिक पार्टी में कम और सरकार में अधिक थी। जिससे साफ है कि वरुण को बीजेपी नहीं पसंद है और बीजेपी को वरुण। इन सब के बावजूद वरुण के खुद बीजेपी छोड़ने की गुंजाईश कम है। क्योंकि उससे उनकी लोकसभा सदस्यता चली जाएगी। लेकिन जिस तरह से वह किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सुर में सुर मिला रहे हैं उससे उनके कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज है।