
नई दिल्ली: जहां एक तरफ निज्जर हत्याकांड मामले (Nijjar Murder Case) में भारत की तरफ से बढ़ रही सख्ती के बाद अब कनाडा और उसके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के तेवर ढीले पड़ते दिख रहे हैं। ऐसे में अब वह लगातार अपने बयान बदलते जा रहे हैं। अभी बीते मंगलवार को ही उन्होंने कहा था कि, वह अब भारत से किसी भी तरह का तनाव नहीं चाहते। बस इस मसले पर वह भारत का साथ चाहते हैं और उसके साथ अपने जरुरी रचनात्मक संबंध जारी रखना चाहते हैं। मगर अब जांच में जरुरी मदद की गुहार लगा रहा है।
निज्जर हत्याकांड से बदले समीकरण
जानकारी हो कि, निज्जर हत्याकांड पर जब से कनाडा ने भारत पर आरोप लगाया है तब से अमेरिका (America) भी इस मामले पर लगातार बयान दे रहा है। वहीं इस अबत व्हाइट हाउस ने कहा है कि, निज्जर हत्याकांड में भारत 9India) की संलिप्तता को लेकर कनाडा के आरोप गंभीर हैं और इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। अमेरिका के अनुसार इस मामले में जांच आगे बढ़नी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही वह भारत सरकार से इस जांच में सहयोग करने का आग्रह कर रहा है।
जानकारी हो कि, इस संकट के बीच भारत और कनाडा ने एक-दूसरे के राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित कर चुके हैं। वहीं अपने नागरिकों के लिए प्रतिकूल ट्रैवल एडवाइज़री जारी कर चुके हैं। हालात यह हो गयी कि, भारत ने कनाडा में वीज़ा सेवाओं को भी बंद कर दिया है।
हालांकि अब दोनों देशों के बीच बिगड़े हालत में बहुत सी अन्वेक्षी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि, अमेरिका का इस पूरे घटनाक्रम पर क्या रुख़ रहेगा। गौरतलब है कि, अमेरिका और कनाडा के बीच दशकों से अच्छे संबंध रहे हैं। ये दोनों ही फ़ाइव आईज़ अलायन्स नाम के रणनीतिक समझौते का हिस्सा भी हैं।
देखा जाए तो बीते कुछ सालों में भारत-अमेरिका के बीच भी नज़दीकी बढ़ी है। ऐसा भी लगता है कि, अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्ते मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब अमेरिका के आला कई अधिकारियों के हालिया बयानों को देखें तो साफ़ दीखता है कि, अमेरिका निज्जर की हत्या के मसले पर भारत को कोई ख़ास रियायत देने के मूड में नहीं है।
क्या अमेरिका है भारत के खिलाफ?
हालांकि इन बयानों से ऐसा लग सकता है कि अमेरिका भारत का पक्ष नहीं ले रहा,लेकिन इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के संबंधों में कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला। देखा जाए तो अमेरिका और इसके राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के साथ सम्बन्ध बनाने में बहुत निवेश किया है। लेकिन कनाडा के घटनाक्रम की वजह से भारत और अमेरिका के बीच कोई तनाव पैदा हो सकता है? मौजूदा स्थिति में भारत-अमेरिका संबंधों पर सीधे तौर पर असर पड़ने की संभावना नहीं दिख रही है।
अमेरिका के लिए भारत क्यों है महत्वपूर्ण?
देखा जाए तो अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी, उनकी लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को बनाए रखने सहित साझा मूल्यों पर आधारित है। व्यापार, निवेश और कनेक्टिविटी के माध्यम से इन दोनों के बीच वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के साझा हित भी साफ़ हैं।
चीन को रोकने के लिए अमेरिका को भारत की जरुरत
इसके साथ ही मौजूदा परिदृश्य में दोनों देशों के बीच शक्ति और प्रभाव का संतुलन समय के साथ बदला है, खासकर इक्कीसवीं सदी में। इसके साथ ही चीन की बढ़ती मुखरता और आक्रामकता से भारत-प्रशांत क्षेत्र की रक्षा करने में अब एशिया में भारत एक अग्रणी वैश्विक शक्ति और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभरा है।
ऐसे में अब अमेरिका, भारत और कनाडा के बीच सामंजस्य और सौहार्द बनने की पूरी कोशिश करेगा। लेकिन फिलहाल कनाडा के लिए अमेरिका कैसे शक्ति का संतुलन साधेगा, यह तो वक़्त ही बताएगा।