
नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने बैंकों को 18,000 करोड़ रुपये की राशि वापस कर दी गई है। इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को दी। उच्चतम न्यायालय की एक बेंच मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय को दी गई शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती देने वाली याचिकाओं की दौरान सुनवाई कर रहा है।।
पिछले हफ्तों में, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम या पीएमएलए में हालिया संशोधनों के संभावित दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुतियाँ दी हैं।
इन याचिका में तीनों ने कई मुद्दों पर कानून की आलोचना की थी, जिसमें सख्त जमानत की शर्तें, गिरफ्तारी के आधार के बारे में गैर-संचार, ईसीआईआर की आपूर्ति के बिना व्यक्तियों की गिरफ्तारी (पुलिस द्वारा दायर की गई पहली सूचना रिपोर्ट के समानांतर), की परिभाषा का विस्तार मनी लॉन्ड्रिंग, अपराध की आय, और जांच के दौरान आरोपी द्वारा दिए गए बयानों को परीक्षण के दौरान साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है।
4,700 मामलों की जांच जारी
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मौजूदा समय में 4,700 मामलों की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि गत पांच साल के दौरान ईडी के द्वारा जांच के नये मामले वर्ष 2105-16 के 111 मामले से 2020-21 के 981 मामले के दायरे में हैं। सुप्रीम कोर्ट ईडी को पीएमएलए के तहत प्राप्त शक्तियों के वृहद दायरे को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। ईडी को पीएमएलए के तहत जांच, जब्ती, सर्च और संपत्ति जब्त करने का अधिकार है।