CHAR-DHAM
File Pic

    Loading

    नई दिल्ली. चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) से आ आ रही एक बड़ी खबर के अनुसार 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू हो गई थी। लेकिन चारधाम यात्रा को शुरू हुए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन अब तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है। 

    कैसी है व्यवस्था 

    जी हाँ, बीते 26 मई को यात्रा के दौरान 16 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी। वहीं सिर्फ 26 मई को ही यात्रा के दौरान 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने दी।उत्तराखंड की डीजी (स्वास्थ्य) डॉ शैलजा भट्ट ने इस बाबत जानकारी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि, चारधाम में स्वास्थ्य सेवाओं को पहले के मुकाबले मजबूत किया गया है और कुल 169 डॉक्टरों को यात्रा में तैनात किया गया है।

    CM धामी ने दी थी ये सलाह 

    हालाँकि चारधाम यात्रा को लेकर CM पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को यह सलाह भी दी थी कि, जो लोग मेडिकली फिट नहीं हैं वे जब तक पूरी तरह से डॉक्टर का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता है तब तक अपनी यात्रा न शुरू करें। पता हो कि, उंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी, ठंड और हार्ट अटैक की वजह से ज्यादातर लोगों की मौत हो रही है।

    यात्री ऐसे रखें अपना ख्याल 

    • यात्री श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर खुले स्वास्थ्य शिविरों में जांच कराते हुए और रुक-रुककर यात्रा करें ताकि उन्हें आराम मिले और उनकी सांस भी न फूले।
    • पता हो कि,ऑक्सीजन लेवल 85 से नीचे आने पर दिक्कत महसूस होने लगती है। ऐसा होने पर स्वास्थ्य शिविरों और अस्पतालों से ऑक्सीजन ले लें।
    • केदारनाथ और यमुनोत्री की यात्रा पूरी यात्री तरह फिट होने पर ही करें।
    • फिलहाल धामों में मौसम लगातार खराब है। ऐेसे में यात्री पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े लेकर जाएं।
    • डॉक्टर सर्टिफिकेट के बिना यात्रा न करे।