नई दिल्ली. आज छावला गैंगरेप मामले (Chhawla Gang Rape Case) में दोषियों को बरी करने के खिलाफ दी गयी पुनर्विचार याचिका (Review Petition) मंजूर हो गई है। मिल रही खबर के अनुसार, आज केंद्रीय कानून मंत्रालय ने छावला मामले में 3 दोषियों को बरी करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को अपनी जरुरी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि, बता दें कि, 2012 में दिल्ली के छावला में हुए गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को इस गैंगरेप के 3 दोषियों को बरी कर दिया था, जबकि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।
हालांकि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 साल की लड़की से गैंगरेप के मामले में फांसी की सजा सुनाते हुए दोषियों के लिए बेहद तल्ख टिप्पणी भी की थी। इस घटना पर हाईकोर्ट ने कहा था कि, “ये वो हिंसक जानवर हैं, जो सड़कों पर अपना शिकार ढूंढते हैं।” लेकिन फिर सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने इस फैसले को पूरी तरह से पलट दिया था।
उक्त मामला और वारदात बीते फरवरी 2012 की है, पुलिस फाइल के अनुसार, युवती अपने ऑफिस से लौट रही थी। तब दिल्ली के कुतुब विहार इलाके से तीन लोगों ने उसे किडनैप कर लिया था। मामले की शिकायत होने पर पश्चिम दिल्ली के छावला पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। फिर 13 फरवरी को पुलिस ने तीन आरोपियों को अरेस्ट किया था । उनकी कार जब्त की था।
जानकारी के अनुसार इन अपराधियों या यूँ कहें की इन दरिंदों ने उक्त लड़की कि आंखों में तेज़ाब डाल दिया था, प्राइवेट पार्ट को पहले गर्म लोहे से दाग़ा गया था, उसके बाद उसमें टूटी-फूटी बोलते डाल दी गईं थीं। इतना ही नहीं और भी बहुत कुछ हुआ था। बाद में युवती का क्षत-विक्षत शव हरियाणा में रेवाड़ी जिले के रोढाई गांव के एक खेत में मिला, ऐसा पुलिस का कहना था।