मुख्यमंत्री कुर्सी: शिवराज, तोमर, नरोत्तम मिश्रा रेस में

भोपाल: प्रदेश में पिछले दस दिन से शुरू राजनितिक उठापठक आज शांत हो गया. विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. जिसके बाद मध्यप्रदेश में भाजपा के

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भोपाल: प्रदेश में पिछले दस दिन से शुरू राजनितिक उठापठक आज शांत हो गया. विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. जिसके बाद मध्यप्रदेश में भाजपा के नेतुत्र्वा में सरकार बनाने का मार्ग खुल गया हैं. लेकिन भाजपा में अब मुख्यमंत्री पद पर किसे बैठाएगी इसपर सबका ध्यान लगा गया  हैं. मौजूदा समय में भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए तीन नामों पर चर्चा शुरू हैं. जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं. 

शिवराज सबसे आगे 
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी के रेस में सबसे आगे हैं. कमलनाथ को राज्य की सत्ता से हटाने में शिवराज का महत्वपूर्ण योगदान हैं. 2018 में हहुए विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद केंद्रीय नेतुत्र्वा उन्हें लोकसभाकाचुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन शिवराज ने इसको ना कहते हुए मध्यप्रदेश में ही रहने की घोषणा की. मौजूदा समय में शिवराज सिंह भाजपा ने अंदर स्वीकार्य नेता के तौर पर नहीं हैं, लेकिन अन्य के मुकाबले उन्हें ज्यादा लोग स्वीकार्यता ज्यादा ही हैं. 

शिवराज शिंह चौहान का 13 साल मुख्यमंत्री रहना उनके दुबारा मुख्यमंत्री बनने के रास्ते पर सबसे बड़ा रोड़ा हैं. उनका सरकार का अनुभव अच्छा हैं. लेकिन भाजपा अपने पुराने को दोहराते हुए बड़ा बदलाव कर सकती हैं. 
 

तोमर केंद्रीय नेताओं की पहली पसंद 
मुख्यमंत्री पद के रेस में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी रेस में हैं. तोमर की छवि एक साफ़ सुथरे नेताओं में की जाती हैं. उनपर विरोधी भी कोई आरोप नहीं लगा सकते हैं. मध्यप्रदेश में सत्ता का पलटने में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं. तोमर ग्वालियर और चम्बल के इलाकों में अच्छी पकड़ रखते हैं. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही तोमर ने सिंधिया से लगातार संपर्क बनाया हुआ था. जिसका कारण ही सिंधिया भाजपा में शामिल हुए हैं. मुख्यमंत्री पद के लिए वह  केंद्रीय नेताओं की पहली पसंद हैं. प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी उनके समर्थन में हैं. 

नरोत्तम मिश्रा भी पीछे नहीं 
मुख्यमंत्री की रेस में शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री रहे और प्रदेश के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री बनाने को लेकर उनकी महत्वकंषा किसी से छुपी नहीं हैं. पिछले कई मौको पर उन्होंने अपनी  भावना प्रकट कर चुके हैं. नरोत्तम प्रदेश में एल बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं. पिछले कई सालों से मध्यप्रदेश में कोई भी ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं बना हैं. मिश्रा की चम्बल और मंडला क्षेत्र में अच्छी पकड़ हैं. उनके समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाने    की मांग करते रहे हैं. वहीँ कमलनाथ सरकार को गिराने में भी उनका दिमाग लगा हैं. उन्होंने सभी बागी विधायकों को अपने पाले में करने   और उनको इस्तीफ़ा देने को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं. 

कल होसकता हैं नाम का ऐलान 
प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर भाजपा कल बैठक करने वाली हैं. जिसमे मुख्यमंत्री पद के नाम का ऐलान किया जा सकता हैं. इसके पहले सभी विधायकों   से पूंछा जाएगा उनकी पसंद का ध्यान रखा जाएगा. क्योंकि भविष्य में किसी भी विरोध से बचा जासके.