देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में आगामी चुनाव (Uttarakhand Elections 2022) से पहले राजनीतिक हलचलें तेज़ हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि अगर भाजपा (BJP) दोबारा सत्ता में आई तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक समिति गठित कर समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी। उन्होंने कहा, इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह, तलाक, ज़मीन जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए समान कानून हो, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।
बता दें कि, राज्य में 14 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यहां यह घोषणा करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता धामी ने कहा कि इस मसौदे को तैयार करने के बाद सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास करते हों । धामी ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति में न्यायविदों, सेवानिवृत्त और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के साथ हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा ।
#WATCH | “Soon after its swearing-in, new BJP govt will form a committee to prepare draft of Uniform Civil Code in state. This UCC will provide for same laws regarding marriages, divorce, land-property & inheritance for all people, irrespective of their faith” says Uttarakhand CM pic.twitter.com/83SYlH2AkE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2022
उन्होंने कहा कि इस समान नागरिक संहिता के दायरे में विवाह, तलाक, जमीन जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषय शामिल होंगे । धामी ने कहा, ‘‘यह समान नागरिक संहिता संविधाननिर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्तरूप देगा । यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की संकल्पना प्रस्तुत करता है।”
Implementing Uniform Civil Code in Uttarakhand at the earliest will boost equal rights for everyone in state. It’ll enhance social harmony, boost gender justice, strengthen women empowerment&help protect the extraordinary cultural-spiritual identity & environment of the state: CM pic.twitter.com/uK8YhFbwtu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2022
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी समय-समय पर इसे लागू करने पर ही जोर नहीं दिया बल्कि इस दिशा में कदम न उठाने पर नाराजगी भी वयक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार इस संबंध में गोवा से प्रेरणा लेगी जिसने समान नागरिक संहिता लागू कर देश के सामने एक उदाहरण स्थापित किया है । उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के साथ ही सामाजिक मेल—जोल और लैंगिक समानता को भी बढावा देगी ।