Narendra Modi and Rahul Gandhi
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    नयी दिल्ली. कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनका संघवाद सहकारी नहीं, बल्कि अवरोध पैदा करने वाला है।

    पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “ईंधन की अत्यधिक कीमतों के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! कोयले की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! ऑक्सीजन की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! ईंधन पर लगने वाले कर का 68 प्रतिशत हिस्सा केंद्र लेता है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदार से पल्ला झाड़ते हैं।”

    उन्होंने आरोप लगाया, ” मोदी का संघवाद सहकारी नहीं है। यह प्रतिरोधी है।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि जिस दिन प्रधानमंत्री ने राज्यों की आलोचना की, उसी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के बारे में सूचना देकर उन्हें ‘शर्मिंदा’ कर दिया। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने 31, मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए राज्यों को आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया पहले ही जारी कर दिया है।

    मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया जारी कर दिया है और उपकर कोष में अपर्याप्त राशि होने के कारण 78,704 करोड़ रुपये लंबित हैं। चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘ राज्यों को जीएसटी का और बकाया चाहिए। राज्य जिस बकाया राशि का दावा कर रहे हैं, अगर उसे जोड़ दिया जाए तो कुल राशि कहीं अधिक होती है। ‘कंट्रोलर ऑफ गर्वनमेंट अकाउंट्स’ (सीजीए) इसे प्रमाणित कर सकता है कि सही राशि क्या है।”

    कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘तेल की कीमतों में खेल करके मोदी सरकार 26 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वसूली कर चुकी है। फिर भी राज्यों पर दबाव डाला जा रहा है। ऐसा क्यों?” विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल – डीजल की बढ़ती कीमत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इन राज्यों से ‘‘राष्ट्र हित” में पेट्रोलियम उत्पादों से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की थी। मोदी ने कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उन्होंने उनके साथ ‘‘अन्याय” किया है।