नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस की राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगामी चुनाव के लिए समिति का गठन कर दिया है। कांग्रेस ने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को समिति का अध्यक्ष बनाया है, वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को समिति का सदस्य बनाया है।
कांग्रेस द्वारा जारी की गई समिति की सूची के अनुसार,
ज्ञात हो कि, आगामी फरवरी महीने में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन पांच राज्यों में से पंजाब भी एक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बड़ी जीत हासिल करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वहीं शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा था और वह राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी। इसी के साथ पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मुख्य विपक्ष दल बन गई।
कांग्रेस को सत्ता बचाने की चिंता
2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 66 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। बीते चार महीने पहले तक कांग्रेस पंजाब में बेहद मजबूत नजर आ रही थी। नगर निकाय और पंचायत चुनाव में उसे अभूतपूर्व जीत हासिल हुई थी। पिछले 50 साल में पहली बार कांग्रेस ने बदलो के गढ़ भटिंडा नगर पालिका पर कब्ज़ा किया था। लेकिन, अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। कैप्टन अमरिंदर और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुई लड़ाई में राज्य के अंदर कांग्रेस कमजोर नजर आने लगी है।
दोनों नेताओं के बीच हुई इस लड़ाई में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी पंजाब विकास कांग्रेस का गठन कर भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने कैप्टन की जगह दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का मुख्यमंत्री बना कर बड़ा दावं खेला है। एक ओर जहां कांग्रेस को जहां अपनी सत्ता बरक़रार रखने की कोशिश में लगी हुई है। वहीं विपक्षी दल लगातार उसे कमजोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।