रायपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने रविवार को यहां कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों को भारतीय जनता पार्टी की विरोधी सभी पार्टियों से एकजुट होकर लड़ने की उम्मीद है, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद कांग्रेस से है। उन्होंने पार्टी के 85वें महाधिवेशन में यह टिप्पणी की। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बिलकिस बानो (Bilkis Bano) और गौरक्षा के नाम पर हो रही हत्या का मुद्दा उठाया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव में एक साल बचे हैं…जितनी पार्टियां हैं, जिनकी विचारधारा इनसे (बीजेपी) विपरीत है, उनसे उम्मीद है कि एकजुट होकर लड़े, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद कांग्रेस से है। उन्होंने कहा कि संगठन को लेकर कई चुनौतियां है जिनसे निपटना है और गांव-गांव तक जाकर लोगों से मिलना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का संदेश और सरकार की ‘विफलताओं’ को लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस की विचारधारा की लंबी लकीर खींचकर दिखाई है।
During elections, issues not relevant for public are raised. Politics should be on how to tackle unemployment, strengthen GDP, take up our economy. BJP conducted raids on us but we are standing strong: Cong Gen Secy Priyanka Gandhi Vadra on 85th Plenary Session of party in Raipur pic.twitter.com/7EIW5qEXCV
— ANI (@ANI) February 26, 2023
We (Congress) could have been more vocal on the Bilkis Bano outrage, murder in the name of ‘cow vigilantism’ & similar issues. Indian people look for support from us. If we are not speaking up, we are surrendering our core responsibility: Congress MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/lP3KFNkhmh
— ANI (@ANI) February 26, 2023
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम (कांग्रेस) बिलकिस बानो आक्रोश, ‘गोरक्षा’ के नाम पर हत्या और इसी तरह के अन्य मुद्दों पर अधिक मुखर हो सकते थे। भारतीय लोग हमसे समर्थन चाहते हैं। अगर हम नहीं बोल रहे हैं, तो हम अपनी मूल जिम्मेदारी छोड़ रहे हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में कांग्रेस पार्टी का 85वें महाधिवेशन चल रहा है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। पार्टी का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार में बैठी मोदी सरकार को हटाना है। इसलिए अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है।