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    नई दिल्ली: बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस (Congress) ने बड़ा प्लान तैयार किया है। पार्टी में बदलाव किए जाएंगे। अब ज्यादातर युवाओं को मौका मिलेगा। इसलिए कांग्रेस ने ’50 अंडर 50′ (50 under 50) की पॉलिसी अपनाने का फैसला लिया है।  इसका मतलब पार्टी में आधे यानी 50% पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होगी। राजस्थान के उदयपुर (Udaipur,) में आयोजित प्रति के चिंतन शिविर में यह फैसला लिया गया हैं। इस बात की घोषणा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल  (Congress General Secretary KC Venugopal) ने की है। फ़िलहाल कांग्रेस के इस फैसले का कितना असर दिखता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।  

     कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम इसे एक पखवाड़े में नहीं कर सकते। लक्ष्य की पूर्ण पूर्ति के लिए कुछ समय की आवश्यकता है। लेकिन हम प्रक्रिया में हैं। हमारा स्पष्ट मत है कि 50% पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि ’50 अंडर 50′ उदयपुर चिंतन शिविर का एक फैसला है। चिंतन शिविर घोषणा के बाद हम एक-एक पदाधिकारी को लेकर बहुत सतर्क हैं। 50 वर्ष से कम आयु के युवाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए। 

    केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर लड़ेगी लेकिन हमें इस अलोकतांत्रिक, तानाशाही सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है। कांग्रेस भी विपक्षी एकता को लेकर उतनी ही चिंतित है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई मौकों पर कहा कि मौजूदा हालात में कांग्रेस अकेले इस सरकार से नहीं लड़ सकती।

    केसी वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्षी एकता के लिए हमारा प्रयास बहुत ईमानदार है। भले ही हमारे पास इतने सारे अनुभव हैं जो हमें चोट पहुँचाते हैं, हम इस तानाशाही सरकार को हटाने के लिए सब कुछ भूलने को तैयार हैं। हम पूरी तरह से विपक्ष में एकता के लिए हैं। पिछले संसद सत्र में, हमारे राष्ट्रपति ने अडानी मुद्दे के खिलाफ सभी समान विचारधारा वाले दलों को बुलाने और संसद में एक आवाज उठाने की पहल की थी। हम मोटे तौर पर सोच रहे हैं कि हमें बीजेपी के खिलाफ जाना चाहिए और बीजेपी विरोधी वोटों को विभाजित करने का मौका नहीं देना चाहिए।