पीएम मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)
पीएम मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)

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    नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel), रसोई गैस और कई अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री महंगाई के मामले में धर्मनिरपेक्ष हैं, क्योंकि इसमें वह किसी के साथ भेदभाव नहीं करते। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि हाल के दिनों में ईंधन और जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण जनता पर 1,25,407 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। 

    उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस देश में महंगाई अब इवेंट बन गई है। देश महंगे मोदी-वाद से पस्त और त्रस्त है। भाजपा की चुनावी जीत ‘लूट का लाइसेंस बन गई है।” सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘एक अप्रैल से जो महंगाई बढ़ाई गई, उससे जनता पर 1,25,407 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है।” उन्होंने कहा, ‘‘देश के 62 करोड़ अन्नदाताओं पर कर का बोझ डाला गया है। सरकार किसानों से आंदोलन का बदला ले रही है। डीएपी खाद की प्रति बोरी का दाम 150 रुपये बढ़ा दिया गया है।” 

    उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, देश के लोगों को रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाने का ‘गुड मॉर्निंग गिफ्ट’ देते हैं। पिछले 12 दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 7.20 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई गई हैं। रसोई गैस की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की गई है।” कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी करके करीब एक लाख करोड़ रुपये की कमाई कर रही है।

    उन्होंने टोल में बढ़ोतरी का विषय उठाते हुए कहा कि इससे आम लोगों पर 6120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। सुरजेवाला ने कहा कि एक अप्रैल से लगभग 800 जरूरी दवाओं के दाम 10.7 प्रतिशत बढ़ा दिए गए हैं। 

    एक अनुमान के मुताबिक, दवाइयों के दाम बढ़ने से लोगों को 10 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देने होंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार ने घर एवं गाड़ी खरीदना भी लोगों के लिए मुश्किल कर दिया है तथा भविष्य निधि पर ब्याज दर घटाकर आम लोगों पर चोट की है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी महंगाई के मामले में धर्मनिरपेक्ष हैं। वह हिंदू-मुसलमान में भेद नहीं करते हैं। वह महंगाई में धर्म और जाति नहीं देखते हैं।” सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा को एक बात समझ आ गई है कि धर्म के आधार पर समाज को बांटिए, सत्ता हासिल करिये और कुछ उद्योगपतियों की जेब में पैसा डालिए।”