Jamia University
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    नयी दिल्ली. जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बुधवार को कहा कि एसएफआई छात्रों का एक छोटा समूह है जिसके बहुत सदस्य नहीं हैं। इसके साथ ही कुलपति ने एसएफआई पर परिसर में शांति भंग करने का आरोप लगाया। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने घोषणा की थी 2002 के गोधरा दंगों पर हाल ही में बने बीबीसी के वृत्तचित्र को परिसर में दिखाया जाएगा।

    SFI एक छोटा समूह

    अख्तर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”हम परिसर में कोई गड़बड़ी नहीं चाहते। हम विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं, जहां छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षाएं दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, “एसएफआई जैसा एक छोटा समूह, जिसका कोई अनुयायी नहीं है, विरोध प्रदर्शन कर रहा है। हम इस तरह के आचरण को स्वीकार नहीं करते हैं। उनका मकसद परिसर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ना है। मैं किसी भी कीमत पर इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं दूंगी।”

    छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

    यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में रिपोर्ट मांगेंगी और “यदि जरूरी हुआ तो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

    शाम 6 बजे होने थी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

    वाम समर्थित छात्र संगठन एसएफआई की जामिया इकाई ने बुधवार को घोषणा की कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को शाम छह बजे जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में दिखाएगा। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं दी गयी है और “हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

    70 से अधिक छात्र हिरासत में, SFI का दावा

    एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी कर सूचित किया है कि एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाएगा। बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उन्होंने चार छात्रों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि एसएफआई ने शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाने की योजना का ऐलान किया है और इससे कुछ घंटे पहले एसएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच एसएफआई ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने 70 से अधिक ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया है जो विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद चार छात्रों को हिरासत में लिए जाने का विरोध करने के लिए जामिया में एकत्र हुए थे। इस संबंध में, पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। (एजेंसी)