कोलकाता/नयी दिल्ली. पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कूचबिहार (Coochbehar) जिले में भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) पर शुक्रवार को मवेशियों की कथित तस्करी को विफल करने में जुटे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अभियान में दो बांग्लादेशियों समेत तीन लोग मारे गये। पुलिस ने यह जानकारी दी। हालांकि बीएसएफ ने कहा कि कूचबिहार जिले के सिताई में शुक्रवार तड़के बांग्लादेशियों ने मवेशियों की तस्करी करने से रोके जाने पर बल के गश्ती दल पर हमला कर दिया था, जिस पर उसने (गश्ती दल ने) कार्रवाई की और दो बांग्लादेशी मारे गये। तीसरे व्यक्ति की मौत पर कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। बल ने यह भी कहा कि इस दौरान उसका एक जवान भी घायल हो गया और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
West Bengal | Information of 2 dead bodies was received under Sitai police station area. BSF said that some people were trying to smuggle cattle between India-Bangladesh border in Cooch Behar district early morning today: Kumar Sunny Raj, ASP Cooch Behar (1/2) pic.twitter.com/5ur3Hh2azO
— ANI (@ANI) November 12, 2021
इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बीएसएफ पर केंद्र द्वारा क्षेत्राधिकार 50 किलोमीटर तक बढ़ाये जाने के बाद भय का राज कायम करने का आरोप लगाया। सत्तारूढ़ दल ने कहा कि वह केंद्र सरकार के इस फैसले के विरूद्ध अगले सप्ताह विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इस घटना में तीन लोग मारे गये। दो संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक हैं और तीसरा भारतीय है, इसी क्षेत्र का निवासी। प्राथमिक जांच के अनुसार तीनों इसी घटना में मारे गये।” उन्होंने यह भी कहा कि अभियान के दौरान मारे गये भारतीय नागरिक की पहचान प्रकाश बर्मन के रूप में हुई है और उसका शव सीमा से 700 मीटर दूर मिला।
बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने दावा किया कि बस दो बांग्लादेशी ही इस घटना में मारे गये। खुरानिया ने कहा, ‘‘ हमारी रिपोर्ट एवं प्राथमिक जांच के अनुसार बस दो व्यक्ति, जो बांग्लादेशी हैं, मारे गये हैं। हमने सुना है कि एक और व्यक्ति का शव मिला है, लेकिन उसके शरीर पर गोली के निशान नहीं हैं। यह शव सीमा से करीब एक किलोमीटर दूर मिला। उस परिस्थिति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है जिसमें उसकी मौत हुई।” बीएसएफ के अनुसार देर रात दो बजे भारत एवं बांग्लादेश दोनों ओर से बदमाश कंटीले तार पर बांस के विशेष प्रकार के औजार के सहारे मवेशी तस्करी का प्रयास कर रहे थे।
खुरानिया ने कहा, ‘‘रात करीब दो बजे सीमा के दोनों ओर करीब 60 लोग जमा हुए। उन्होंने कंटीले तार के उपर से बांस के विशेष औजार के जरिए मवेशी की तस्करी की कोशिश की। जब बीएसएफ के एक गश्ती दल ने उन्हें रोका तब उसपर पत्थर, लोहे की छड़ एवं लाठियों से हमला कर दिया गया।” उन्होंने बताया कि बीएसएफ जवानों ने बदमाशों को रोकने के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया, जो जानलेवा नहीं थे लेकिन वे नहीं माने। खुरानिया ने कहा, ‘‘ दो बीएसफ कांस्टेबल घिर गये और उन्हें बुरी तरह चोट लगी। तब उन्होंने अपनी जान को खतरा भांपते हुए गोलियां चलाईं। उन्होंने हवा में कुछ गोलियां चलायीं। बाद में यह पाया गया कि गोलीबारी में सीमापार दो की मौत हो गयी। ”
बीएसफ पर निशाना साधते हुए स्थानीय तृणमूल नेता उदयन गुहा ने दावा किया कि बल लोगों का ‘उत्पीड़न’ कर रहा है। वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘ केंद्र को बीएसएफ को नियंत्रित करना चाहिए, अन्यथा भयावह चीजें घटित होने का बाट जोह रही हैं। बीएसएफ किसी भी परिस्थिति में किसी की जान लेने के लिए नहीं है। एक भारतीय की हत्या उस प्रकार के उत्पीड़न को साबित करती है जो वे सीमावर्ती क्षेत्रों में करते हैं। इसलिए हम बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के खिलाफ हैं।”
उनके हां में हां मिलाते हुए राज्य के संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने क्षेत्राधिकार विस्तार को देश के संघीय ढांचे पर ‘सीधा हमला’ और कहा, ‘‘ ….. हम यह चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह विधानसभा में एक प्रस्ताव लायेंगे कि कैसे बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाना भारत के संघीय ढांचे पर हमला है। ” उधर, विपक्षी भाजपा ने सवाल किया कि घातक हथियारों से हमला होने के बाद बीएसएफ कर्मी और क्या कर सकते थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, ‘‘बीएसएफ ने मवेशी की तस्करी की कोशिश को विफल करने का प्रयास कर सही काम किया। तृणमूल कांग्रेस की हर मुद्दे का राजनीतिक करने एवं सुरक्षाबलों को बदनाम करने की आदत है।” भाजपा ने कहा कि वह विधानसभा में प्रस्ताव का विरोध करेगी।