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    नई दिल्ली. जहां एक तरफ चीन (China) में कोरोना वायरस (Corona) की वजह से तांडव मचा हुआ है। रोजाना सैकड़ों लोगों की यहां मौत हो रही है।  वहीं अस्पतालों में मरीजों की भीड़ हर दिन बढ़ती ही जा रही है।  ऐसे में पाबंदियों में ढील देने के बाद से ही चीन में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है।  एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन में बढ़ते मामलों की वजह ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट bf.7 बताया जा रहा है।  वहीं विशेषज्ञों के अनुसार, इस वेरिएंट में संक्रामकता दर काफी अधिक है।  ये वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा देने में खासा माहिर है। 

    कितना खतरनाक है bf.7 

    वहीं कोरोना एक्सपर्ट्स का कहना है कि, bf.7 वेरिएंट की आर वैल्यू 18 है।  जिसका साफ़ मतलब है कि, इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 लोगों तक वायरस को फैला सकता है।  इसी के चलते कोरोना अब चीन में तेजी से फैल रहा है।  भारत में भी इस वेरिएंट के अनेकों केस दर्ज किए जा चुके हैं।  ऐसे में अब सवाल है कि क्या ये वेरिएंट भारत के लिए भी चीन जितना ही खतरनाक होगा? 

    भारत को नहीं गंभीर खतरा 

    मामले पर भारत के विशेषज्ञों का कहना है कि, चिंता का विषय जरुर है, पर भारत में इससे कोई गंभीर खतरा नहीं है।  चीन और भारत की भुगौलिक स्थिति में काफी अंतर है।  चीन में कुछ महीनों पहले तक भी कोरोना पाबंदियां लगी हुई थी।  इस वजह से लोग वहां वायरस से एक्सपोज नहीं हुए थे।  ऐसे में लोगों में इम्यूनिटी डवलप भी नहीं हुई थी।  चीन में वैक्सीनेशन को लेकर भी कोई खास और जरुरी डाटा उपलब्ध नहीं है। 

    चीन छुपा रहा अपना डाटा 

    वहीँ चीन की वैक्सीन को कई देशों ने वापिस भी कर दिया था।  इसके चलते चीन की वैक्सीन कितनी प्रभावी है इसको लेकर भी कोई जानकारी या डाटा उपलब्ध  नही है।  खराब मेडिकल नीति के चलते भी चीन में कोरोना से हालात बिगड़ रहे हैं।  वहां ओमिक्रॉन का bf.7 वेरिएंट भी गंभीर असर पहुंचा रहा है।  जबकि ये वेरिएंट भारत में कई महीनों पहले ही आ चुका था।  तब भी इससे इससे यहां कोई असर नहीं हुआ था। 

    क्यों भारत को है कम खतरा 

    दरअसल भारत में 90% आबादी को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। वहीं 18 साल से ज्यादा उम्र के 60% लोग बूस्टर भी लगवा चुके हैं। इसके साथ-साथ संक्रमण के कारण 70% ज्यादा आबादी हाइब्रिड इम्युनिटी हासिल भी कर चुकी है। हालांकि, चीन में ऐसा नहीं है। वहां तो अभी पहली ही लहर शुरू हुई है। लेकिन भारत में ऐसी अब तक तीन लहरें गुजर चुकी हैं। इसलिए भारत अभी भी इस खतरे से बाहर है।

    रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के अहम फैसले

    • विदेश से आने पर होगी रेंडम सैंपलिंग,
    • राज्यों को कहा गया- भीड़भाड़ वाली जगह मास्क लागू करने पर करें। 
    • जिस इलाकों में नए मरीज ज्यादा मिलेंगे, वे कलस्टर बनेंगे और आइसोलेशन भी बढ़ेगा।
    • विशेषज्ञों की टीम दो दिन में रिपोर्ट देगी कि विदेश से आने वाले लोगों के लिए क्या जरुरी प्रोटोकॉल होना चाहिए।
    • प्रोटोकॉल में होंगे जरुरी बदलाव।