
नई दिल्ली: ब्रिटेन (Britain) में मिले कोरोना (Corona Virus) के नए म्यूटेशन (New Mutation) को लेकर भारत (Bharat) सहित पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। इसी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने पिछले 22 दिनों में आने वाले सभी लोगों का जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) कराने का आदेश दिया है। शुक्रवार को कोरोना को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में देश के प्रधान वैज्ञानिक के विजय राघवन (K. Vijay Raghwan) ने कहा, “हमारे देश में और बाहर भी जो वैक्सीन तैयार की जा रही हैं, ये यूके (UK) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पाए गए नए वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगी।”
कोरोना के मामले दो लाख से कम
आयजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजीव भूषण ने कहा, “देश में एक्टिव मामले लगातार घट रहे हैं, उनकी संख्या वर्तमान में 2,70,000 से भी कम है। हमारे देश में पॉजिटिविटी रेट 6% है। पिछले एक सप्ताह का पॉजिटिविटी रेट 2.25% है।“
उन्होंने कहा, “यदि हम लिंग के आधार पर कोरोना मामलों का विश्लेषण करते हैं, तो पुरुषों में कुल मामलों का 63% और महिलाओं में 37% मामले सामने आए। आयु-वर्ग, 8% मामलों में 17 वर्ष से कम आयु, 18-25 वर्ष आयु वर्ग में 13%, 26-44 वर्ष समूह में 39%, 45-60 वर्ष समूह में 26% और 60 वर्ष से ऊपर 14% की रिपोर्ट की गई।“
प्रति दस लाख पर 178 मौत
राजीव भूषण ने कहा, “भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 7408 #COVID19 मामले दर्ज किए गए हैं। हमारे यहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 107 मौतें दर्ज की गई हैं।” उन्होंने कहा, ” इसी के साथ देश में प्रतिदिन नए मामले 17,000 से भी कम हो गए हैं। इस संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। कोविड से होने वाली मृत्यु में भी लगातार गिरावट आ रही है, ये संख्या प्रतिदिन 300 तक आ गई है।“
पांच राज्यों से सबसे ज्यादा मामले
भूषण ने कहा, “देश के सक्रिय मामलों का 60% से अधिक हिस्सा 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है। लगभग 24% मामले केरल में, 21% महाराष्ट्र में, 5% से कुछ अधिक पश्चिम बंगाल में, लगभग 5% उत्तर प्रदेश में और 4.83% मामले छत्तीसगढ़ में हैं।”
जांच के लिए बनाया लैब का समूह
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “यूके से नए स्ट्रेन की खबर आते ही हमने देश भर की लैब्स में 5,000 जीनोम अनुक्रम किया है। आने वाले समय में हम इसे और बढ़ाएंगे, साथ ही मिलकर काम करेंगे।
उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमने INSACOG समूह बनाया है। जिसमें देश भर की 10 सरकारी लैब्स को शामिल किया गया है, जो जीनोम सीक्वेंसिंग के साथ-साथ कोरोना के किसी भी म्यूटेशन की जांच करने में सक्षम हैं।”
वायरस से ठीक होने वाले उपचार का प्रयोग हो
आईसीएमआर के डीजी ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम वायरस पर बहुत अधिक प्रतिरक्षा दबाव न डालें। हमें ऐसी चिकित्साओं का विवेक पूर्ण उपयोग करना होगा जिससे हमें फायदा हो। अगर हमें फायदा नहीं हो रहा है तो हमें उन उपचारों का उपयोग नहीं करना चाहिए नहीं तो यह वायरस पर दबाव डालेगा और उससे अधिक परिवर्तन आएगा।”
हमें पूरी सावधानी रखनी होगी
नीती अयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा, “इस ठंड के मौसम में बड़ी आबादी अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है। यूके वेरिएंट ने कई अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी पहुंच गया है, इस वेरिएंट का अपना प्रसार हो सकता है हमें बहुत सावधान रहना होगा। कोई लापरवाही नहीं करनी है।”