sabarmati

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    अहमदाबाद. जहाँ एक तरफ कोरोना (Corona) की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे कम हो चला है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला बिल्कुल नहीं है। क्योंकि अब कोरोना को लेकर दिन नित नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसा ही गुजरात (Gujarat) से अब एक नया मामला सामने आया है, दरअसल यहां की सबसे महत्वपूर्ण साबरमती नदी (Sabarmati River) में अब कोरोना संक्रमण वायरस पाया गया है। 

    पता हो कि गुजरात के अहमदाबाद से निकलने वाली साबरमती के पानी के कुछ सैंपल लिए गए थे, जिसमें से अब सभी में कोरोना संक्रमण का विषाणु मिला है। इतना ही नहीं, साबरमती नदी के अलावा अहमदाबाद के दो बड़े तालाब (कांकरिया, चंदोला) में भी ऐसे ही कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं।

    विदित हो कि साबरमती से पहले गंगा नदी से जुड़े अलग-अलग सीवेज में भी कोरोना वायरस पाया गया था, लेकिन अब प्राकृतिक जल में भी इस तरह कोरोना के लक्षण मिलने से समस्या गंभीर बनती दिख रही है।गौरतलब है कि IIT गांधीनगर ने बीते कुछ दिनों पहले अहमदाबाद की साबरमती नदी से पानी के सैंपल लिए थे। इनका अध्ययन और जांच के दौरान पानी के सैंपल से कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता चला है जो काफी खतरनाक बात है।

    हर हफ्ते लिया था सैंपल : 

    इस रिसर्च पर IIT गांधीनगर के पृथ्वी और विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मनीष कुमार के मुताबिक पानी के यह सैंपल, साबरमती नदी से 3 सितंबर से 29 दिसंबर 2020 तक हर सप्ताह ही लिए गए थे। इन सैंपल के लेने के बाद, जब इनकी जांच की गई तो इनमें कोरोना के संक्रमित जीवाणु पाए गए। मनीष कुमार के अनुसार, साबरमती नदी से 694, कांकरिया तालाब से 549 और चंदोला तालाब से 402 सैंपल लेकर उसकी जांच की गई थी। लेकिन इन सभी सैंपल में ही कोरोना वायरस का पता चलाहै।

    इस अतिमहत्वपूर्ण रिसर्च में यह भी माना जा रहा है कि अब यह बेहद संक्रामक वायरस प्राकृतिक जल में भी जीवित रह सकता है और ज्यादा से ज्यादा मात्र में फ़ैल सकता है। इसलिए अब यहाँ के शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि अब जितनी जल्दी हो सके देश की सभी प्राकृतिक जल स्त्रोत की जांच भिस इसी प्रकार होनी चाहिए, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में इस बेहद संक्रामक वायरस के कई गंभीर म्यूटेशन भी देखने मिले हैं और इनके आगे अब और बढ़ने की भी सम्भावना हो सकती है।