नई दिल्ली: मार्कसिस्ट कम्युनिस्ट पार्टी (Marxist Communist Party ) के सांसद डॉ. वी शिवदासन (MP Dr. V Sivadasan) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने, रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की दुर्दशा की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने और उनके द्वारा समाप्त किए गए पदों को बहाल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि, रिक्तियों को रद्द करना “उनके घावों पर नमक छिड़कना” होगा।
हाल ही में जारी आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, रेलवे ने पिछले छह साल में 72,000 से ज्यादा पदों को खत्म किया है। रद्दा किये गए यह सभी ग्रुप सी और डी के पद हैं, जो तकनीक के चलते अनावश्यक हो गए हैं। उन्हीं दस्तावेजों में उल्लेख किया था कि, भविष्य में यह पद भर्ती के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
V Sivadasan CPI(M) Rajya Sabha MP from Kerala has written a letter to Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw requesting him to reinstate the abolished posts in Indian Railways. pic.twitter.com/N3AJZryBCV
— ANI (@ANI) May 15, 2022
जिसके बाद ही राज्यसभा सांसद ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर भारतीय रेलवे में रद्द किए गए पदों को बहाल करने का अनुरोध किया। सांसद द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा है कि, ‘मैं भारतीय रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के सामने आने वाले संकट की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि देश के सबसे बड़े नियोक्ता रेलवे ने पिछले छह वर्षों में 72,000 से अधिक रिक्तियों को समाप्त कर दिया है, जिनमें से अधिकांश ग्रुप सी और डी पद थे। ‘
शिवदासन ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि, ‘यह समझा जाता है कि 16 जोनल रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2020-21 के दौरान 56,888 पदों को रद्द किया है और जिसमें 15,495 और रद्दा करना निर्धारित हैं।’
पात्र में उन्होंने लिखा है कि, ‘उत्तर रेलवे ने जहां 9,000 से अधिक पदों को रद्द किया है, वहीं दक्षिण पूर्व रेलवे ने लगभग 4,677 पदों को छोड़ दिया है। दक्षिणी रेलवे ने 7,524 और पूर्वी रेलवे ने 5,700 से अधिक पदों को समाप्त कर दिया है।
माकपा नेता ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, हाल ही में देश के कई हिस्सों में रेलवे भर्ती में अत्यधिक देरी के खिलाफ भारत के करोड़ों युवाओं को विरोध करने के लिए मजबूर किया गया था। इस परिदृश्य में, इतनी अधिक संख्या में पदों को समाप्त करना उनके घावों पर नमक छिड़कना होगा।’
उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि, ‘रेलवे के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की दुर्दशा पर विचार करें और रद्द की गई रिक्तियों को बहाल करने के लिए विचारशील कदम उठाएं।’