Dalai Lama
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    नई दिल्ली. दोपहर की बड़ी खहर के अनुसार आज तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा (Dalailama) लद्दाख (Laddakh) के लिए आज  सुबह धर्मशाला से रवाना हुए हैं। बता दें कि वह 15 दिन की लद्दाख की यात्रा पर रहेंगे। दरअसल कोरोना काल में करीब दो साल तक अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास पर आइसोलेशन में रहने के बाद दलाईलामा की धर्मशाला से बाहर यह पहली यात्रा हो रही है। 

    यात्रा से हो सकता चीन को पेटदर्द 

    हालाँकि उनके लद्दाख दौरे को लेकर चीन की भी पूरी नजर रहेगी। वैसे भी ड्रैगन हमेशा उनके लद्दाख दौरे का भारी विरोध जताता रहा है। इस बार भी उनकी यात्रा से चीन भड़क सकता है। दलाई लामा शुक्रवार को चीन की सीमा से लगे केंद्र शासित प्रदेश पहुंचेंगे और वहां उनके लगभग एक महीने तक रहने का कार्यक्रम है।  उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि दलाई लामा सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं क्योंकि वह पहले भी कई बार लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं।

    वहीं लंबे समय बाद अपने धर्मगुरु को देखने के लिए लद्दाख में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों में इस बार खासा उत्साह है। दरअसल कोरोना महामारी के समय में दलाईलामा धर्मशाला से बाहर नहीं गए। कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने स्वयं को अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास में खुद को आइसोलेट कर लिया था।

    चीन भड़क सकता है भारत पर  

    बता दें कि दलाईलामा ने 2018 में लद्दाख में अपना जन्मदिन मनाया था। उस दौरान भी चीन की तरफ से भारत के लिए कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। फिर इसी महीने की शुरुआत में चीन ने दलाई लामा को उनके 87वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। वहीं भारत ने चीन की आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि दलाई लामा देश के सम्मानित और माननीय अतिथि हैं।