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    नयी दिल्ली: भारत के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) कार्यक्रम ने 2020 में अप्रत्याशित रूप से कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के दौरान सरकार को त्वरित प्रभावी उपाय करने में मदद की है। हालांकि योजना के व्यापक दायरे के बावजूद कुछ खामियां बरकरार हैं। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।     

    लेखक वी अनंत नागेश्वरन, लवीश भंडारी और सुमिता काले ने ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: स्थिति और आगे की चुनौतियां’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में आगे कहा कि भारत का डीबीटी कार्यक्रम 2013 से आगे बढ़ रहा है। नागेश्वरन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य हैं।     

    रिपोर्ट में कहा गया है, “पिछले कुछ वर्षों से जारी डीबीटी के परिणामस्वरूप 2020 में अप्रत्याशित कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान त्वरित प्रभावी कदम उठाए गए। डीबीटी के जरिये लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने में काफी मदद मिली है। उसके बावजूद कुछ खामियां हैं।”

    रिपोर्ट में कहा गया है कि एक उचित ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र की जरूरत है। इसका समन्वय प्रधानमंत्री कार्यालय और नीति आयोग के स्तर पर होने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में, कुल 179.9 करोड़ लाभार्थियों को सहायता मिली।