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    नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने तिहाड़ जेल के कैदी अंकित गुर्जर (Ankit Gurjar) की कथित हत्या के मामले की जांच बुधवार को सीबीआई को सौंप दी। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्देश दिया कि मामले की फाइल दिल्ली पुलिस से सीबीआई को भेजी जाए और उन्होंने केंद्रीय एजेंसी से 28 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट मांगी।

    आदेश की विस्तृत प्रति का इंतजार किया जा रहा है। गुर्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में मृत पाया गया था। दिल्ली पुलिस से जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका में मृतक कैदी के परिवार ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारी गुर्जर को प्रताड़ित कर रहे थे क्योंकि वह ‘‘पैसों के लिए रोज बढ़ रही उनकी मांग को पूरी नहीं कर पाया था” और उसकी ‘‘पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत” हत्या कर दी गयी।

    वकील महमूद प्राचा और शरीक निसार के जरिए दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि तिहाड़ में जेल प्राधिकारी एक ‘‘संगठित वसूली गिरोह” चला रहे हैं और पुलिस दोषियों को बचाने के लिए जांच में हेरफेर की कोशिश कर रही है। इसमें दावा किया गया है कि ‘‘पूरा प्रशासन दोषी है” क्योंकि जब मृतक की पिटायी की गयी तो एक अधिकारी ने सीसीटीवी को बंद करने का कथित तौर पर आदेश दिया। अदालत ने 18 अगस्त को याचिका पर दिल्ली पुलिस और जेल प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है।