डिजिटल पेमेंट क्रांति: नंदी बैल के सिर पर लगा QR कोड, आशीर्वाद लेने के लिए करना होगा स्कैन- देखें वीडियो

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    भारत को डिजिटलाइज देश (India Digitized Country) बनाने के लिए कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है। ऐसे में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के लॉन्च के बाद आपको लगभग हर दुकान-बाज़ारों में डिजिटल पैमेंट (Digital Payment) का ऑप्शन ज़रूर नज़र आ ही जाता है। यह कई मायने में बहुत फायदेमंद भी है। इसकी मदद से आपको कैश लेकर घूमने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। बस आपको इसके QR कोड को स्कैन करने की ज़रूरत होती है, फिर मिनटों में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। डिजिटल इंडिया का एक ताजा उदाहरण सामने आया, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वीडियो शेयर (Viral Video)  कर पेश किया है। 

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया (Social Media) ट्विटर (Nirmala Sitharaman Twitter Video) पर गुरुवार 4 नवंबर को एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें आप एक नंदी बैल के माथे पर QR कोड (QR Code On Bull’s Forehead) लगा देख सकते हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देख लोग भी मानने लगे हैं कि भारत अब डिजिटली डेवेलोप हो रहा है। इस वीडियो ने इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा रखा है। 

    30 सेकंड के इस वीडियो में एक पारंपरिक भिक्षा साधक को क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करते हुए दिखाया जा सकता है। जो उसके सजे हुए बैल के सिर से बंधा हुआ है, जबकि एक व्यक्ति भुगतान करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर कोड को स्कैन भी कर रहा है। 

    सीतारमण ने ट्वीट कर लिखा, एक गंगिरेदुलता का वीडियो सामने आया है, जहां एक क्यूआर कोड के माध्यम से भिक्षा दी जा रही है! अब लोक कलाकारों तक भारत की #डिजिटल भुगतान क्रांति पहुंच रही है। एपी + तेलंगाना में, गंगिरेदुलावल्लू पुराने बैलों को तैयार करते हैं जो अब खेतों में मददगार नहीं हैं, उत्सव के दौरान घर-घर जाते हैं, अपने नादस्वरमों के साथ प्रदर्शन करते हैं।

    ऐसे में अब अगर आपको नंदी बैल का आशीर्वाद लेना होगा तो आपको पहले उसके माथे पर लगे QR कोड को स्कैन कर भुगतान करना होगा। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को काफी प्यार मिल रहा है। लोग इस वीडियो को देख अपनी राय भी रख रहे हैं। आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नादस्वरम बजाते हुए, विशेष रूप से सजाए गए बैलों के साथ विशिष्ट पोशाक वाले लोक कलाकार त्योहारों के दौरान भिक्षा मांगने के लिए घरों और दुकानों पर जाते हैं। लोग उन्हें भिक्षा के रूप में पैसा, कपड़ा या अनाज देते हैं।