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    नई दिल्ली/जम्मू. जहां एक तरफ बीते सोमवार को दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। वहीं तब उन्होंने यह उन्होंने दावा किया था कि पुलवामा हमले से पहले CRPF के डायरेक्टर ने मांग की थी कि यह संवेदनशील जोन है। इसके नाते जवानों को हवाई जहाज से श्रीनगर भेजा जाए, लेकिन तब PM मोदी ने इससे साफ़ मना कर दिया। सरकार ने जानकर ऐसा किया। पता हो कि, 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे।

    वहीं आज सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश जम्मू में भारत जोड़ो यात्रा के दौरांन मामले पर सफाई देते दिखे उन्होंने कहा कि, इसके बारे में मैंने कल ट्वीट कर बिल्कुल साफ बताया था कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी का क्या रवैया है और इस पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा। आप जाकर PM मोदी से इस पर सवाल कर सकते हैं।” 

    दरअसल कल उन्होंने ट्वीट किया था कि, “आज वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस पार्टी के नहीं, उनके व्यक्तिगत विचार हैं। 2014 से पहले यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राष्ट्रहित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का कांग्रेस ने समर्थन किया है और आगे भी समर्थन करेगी।” 

    इसके साथ ही आज मौके पर मौजूद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी कह पडे कि, “हम सुरक्षा बलों का काफी सम्मान करते हैं और उनको सर्वोच्च स्थान देते हैं।”

    गौरतलब है कि दिग्विजय की बात पर BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा था कि, “गैर-जिम्मेदाराना बयान देना कांग्रेस पार्टी का चरित्र है। हमारे सुरक्षाबलों के खिलाफ बोलने वाले किसी को भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। PM मोदी से नफरत के कारण राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह में अब लेशमात्र देशभक्ति भी नहीं बची है।