Pic : Twitter/ED
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    नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेल में बंद झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति धनशोधन रोकथाम कानून के तहत कुर्क की है। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इन संपत्ति में एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक डायग्नोस्टिक सेंटर और रांची में दो भूखंड शामिल हैं। ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया है।

    सिंघल 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी हैं और उन्हें मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के आरोप में 11 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने उनके परिसरों के अलावा उनके कारोबारी पति और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के यहां भी छापे मारे थे। बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। सिंघल और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला झारखंड पुलिस और सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।

    ईडी के अनुसार “जांच में पाया गया कि मनरेगा घोटाले में अपराध की आय पूजा सिंघल और उनके रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई थी… पूजा सिंघल ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक संपत्ति अर्जित की और इन अचल संपत्तियों में निवेश किए गए धन का स्रोत मुख्य रूप से अपराध से हुई आय से संबंधित था।”

    ईडी राज्य में कथित अवैध खनन में धनशोधन के एक अन्य मामले में भी नौकरशाह की भूमिका की जांच कर रहा है। एजेंसी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक राजनीतिक सहयोगी और दो अन्य को खनन मामले में गिरफ्तार किया है तथा सोरेन से पूछताछ की है। (एजेंसी)