
नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर 31वें दिन भी किसान (Farmers Protest) डटे हुए हैं। गौरतलब है कि किसान आज से ठीक एक महीने पहले सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर 26 नवंबर को जुटे थे। तब सर्दी इतनी विकराल नहीं थी, जितनी की आज 26 दिसंबर की यह सर्द हवा अब चुभती है। अब सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर में पिछले एक महीने में टेंट और ट्रैक्टर में किसानों की जैसे पूरी गृहस्थी ही बस गई है।
क्या हुआ था कल:
विदित हो कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन को आज 31 दिन हो गए हैं, लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली हरियाणा बार्डर (Delhi-Haryana Border) पर डटे हुए है। मोदी सरकार जहाँ संशोधन का प्रस्ताव दे रही है, वहीं किसान तीनों कृषि बिलों की वापसी पर ही अड़े हुए हैं। बीते शुक्रवार की बात करें तो देश में आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के उधमसिंह नगर (Udham Singh Nagar) में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने पुलिस (Police) वालों पर ट्रेक्टर चढ़ाने की कोशिश की।
#WATCH | Protesters agitating against the new farm laws run a tractor over a police barricade in Bajpur, of the Udham Singh Nagar district in Uttarakhand pic.twitter.com/aI97qNcg0U
— ANI (@ANI) December 25, 2020
वहीं पंजाब के बठिंडा स्थित अमरीक सिंह रोड पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसको देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही भारतीय किसान यूनियन (BKU) और अन्य संगठन से संबंधित करीब 100 से ज्यादा लोग वहां पहुँच हंगामा करने लगे। इस दौरान वहां रखी कुर्सियों को हंगामा करने वालों ने तोड़ भी दिया था। इसका विरोध करने पर वह पर मौजूद पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज भी किया।
आज किसानों की अहम् बैठक:
इधर आज यानी शनिवार को किसान संगठनों की एक बहुत ही अहम बैठक होने जा रही है। इस वार्ता में किसान संगठन, PM मोदी (Narendra Modi) द्वारा बातचीत के लिए दी गई नई पेशकश पर भी चर्चा करेंगे और आगे की अपनी रणनीति पर विचारविमर्श करेंगे। अगर समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो कुछ किसान संगठनों ने यह संकेत भी दिया है कि वे मोदी सरकार के साथ एक बार फिर से वार्ता शुरू कर सकते हैं, ताकि इस गतिरोध का कुछ तो समाधान निकाला जा सके। आज होने वाली इस इस बैठक में मोदी सरकार द्वारा बातचीत की पेशकश का क्या जवाब दिया जाये इस पर भी एक औपचारिक और बड़ा फैसला लिया जा सकता है।