PM मोदी: 25 दिसंबर को फिर आऊंगा आपसे मिलने
अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा।
उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जाएगी: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: हम हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं
मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं।
नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है।
जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, हमारे लिए खुशी की ही बात
अभी किसी ने मुझे एक अखबार की रिपोर्ट भेजी 8 मार्च 2019 की।
इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है।
पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है: PM— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर।
देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज है?
नहीं।
हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है।
फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है?
सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।
फिर ये APMC बंद किए जाने की बात कहां से आ गई: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: नए कानून में सिर्फ यही कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी
नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी।
अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर।
हमने कानून में क्या किया है?
हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: आज दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा
आज दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा है, दाल की कीमतें भी कम हुई हैं, जिससे गरीब को सीधा फायदा हुआ है।
जो लोग किसानों को न MSP दे सके, न MSP पर ढंग से खरीद सके, वो MSP पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
2014 से पहले के 5 साल में उन्होंने सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल ही किसानों से खरीदी।
जब साल 2014 में हमारी सरकार आई तो हमने नीति भी बदली और बड़े निर्णय भी लिए।
हमारी सरकार ने किसानों से पहले की तुलना में 112 लाख मीट्रिक टन दाल MSP पर खरीदी: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: 2014 के समय देश में था दालों का संकट
2014 के समय को याद कीजिए, किस प्रकार देश में दालों का संकट था।
देश में मचे हाहाकार के बीच दाल विदेशों से मंगाई जाती थी: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के पांच साल में किसानों को धान और गेहूं की MSP पर खरीद के बदले 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए ही मिले थे।
हमारी सरकार ने इतने ही साल में गेहूं और धान की खरीद करके किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के पांच साल में किसानों को धान और गेहूं की MSP पर खरीद के बदले 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए ही मिले थे।
हमारी सरकार ने इतने ही साल में गेहूं और धान की खरीद करके किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
यानि हमारी सरकार ने न सिर्फ MSP में वृद्धि की, बल्कि ज्यादा मात्रा में किसानों से उनकी अपज को MSP पर खरीदा है।
इसका सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि किसानों के खाते में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा पहुंचा है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार ने अपने पांच साल में करीब पौने चार लाख मिट्रिक टन तिलहन खरीदा था।
हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 56 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा MSP पर खरीदा है।
कहां पौने चार लाख और कहां 56 लाख : PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था।
हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है।
MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के समय मूंग दाल पर MSP थी 4500 रुपए प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार मूंग दाल पर करीब 7200 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के समय तूर दाल पर MSP थी 4300 रुपए प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार तूर दाल पर प्रति क्विंटल 6000 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के समय चने पर MSP थी 3100 रुपए।
हमारी सरकार अब चने पर प्रति क्विंटल 5100 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2950 रुपए।
हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5100 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1520 रुपए प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2640 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी
पिछली सरकार के समय धान पर MSP थी 1310 रुपए प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1870 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
पिछली सरकार के समय गेहूं पर MSP थी 1400 रुपए प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 1975 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
6 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, जब ये कानून लागू किए गए थे।
कानून बनने के बाद भी वैसे ही MSP की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी।
कोरोना महामारी से लड़ाई के दौरान भी ये काम पहले की तरह किया गया।
MSP पर खरीद भी उन्हीं मंडियों में हुई, जिन में पहले होती थी: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते?
अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते?
दूसरा ये कि हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है।
इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है: PM— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही है।
कुछ समय पहले ही 20 हजार करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी शुरू की गई है।
इन्हीं प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में मछली उत्पादन के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: अब मधुमक्खी पालन, पशुपालन और मछली पालन को भी बढ़ावा
हमारी सरकार अनाज पैदा करने वाले किसानों के साथ ही मधुमक्खी पालन, पशुपालन और मछली पालन को भी उतना ही बढ़ावा दे रही है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
अब हमारी सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा करने में जुटी है।
हम हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते।
सोचिए, बांध बनना शुरू हुआ तो पच्चीसों साल तक बन ही रहा है।
इसमें भी समय और पैसे, दोनों की जमकर बर्बादी की गई: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
PM मोदी: किसानों की तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से किया काम
आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं।
हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया।
हमने कालाबाजारी रोकी, सख्त कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर नकेल कसी।
हमने सुनिश्चित किया कि यूरिया किसान के खेत में ही जाए: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था?
रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं?
कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं?
यूरिया की जमकर कालाबाजारी होती थी या नहीं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ देश का किसान (Farmers Protest) केंद्र सरकार द्वारा लाये गए ‘कृषि कानून'(Farm Laws) के खिलाफ अपना आंदोलन कर रहा है। वहीं इन सबके बीच आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसानों से सीधा संवाद करेंगे। मध्य प्रदेश सरकार (MadhyaPradesh Goverment) द्वारा चलाए जा रहे किसान सम्मेलन को आज PM मोदी संबोधित करने वाले हैं।
पीएम श्री @narendramodi 18 दिसंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश में होने वाले किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे।
लाइव देखें
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बताया जा रहा है कि इसमें 23 हजार पंचायत के किसान शामिल होने वाले हैं। आज शायद ‘कृषि कानून’ को लेकर PM मोदी यहां अपनी बात भी रख सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले बीते गुरूवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी किसानों को एक खुली चिट्ठी लिखी थी और कई प्रकार के आश्वासन भी दिए थे।
क्या लिखा था तोमर ने अपनी चिट्ठी में:
दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बीते गुरूवार को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer) से आग्रह किया था कि वे ‘राजनीतिक स्वार्थ’ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें। उन्होंने आरोप भी लगाया था कि सरकार और किसानों के बीच ‘झूठ की दीवार’ खड़ी करने की साजिश रची जा रही है। किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया था कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि (Indian Farming) में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे।
क्या थी PM मोदी कि प्रतिक्रिया:
वहीं इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए और किसानों के नाम लिखे गए पत्र को पढ़ने की अपील करते हुए ट्वीट में लिखा था कि, “कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।”
कृषि मंत्री @nstomar जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। https://t.co/9B4d5pyUF1
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2020
गौरतलब है कि आज कृषि कानून पर जारी घमासान को लेकर PM मोदी सीधे किसानों से अपनी सरकार का पक्ष रख सकते हैं। आज PM मोदी का संबोधन करीब दोपहर दो बजे होगा। जिसमे वे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश में होने वाले किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे।