नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) (जेकेएनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) आज 84 साल के हो गए हैं। फारूक अब्दुल्ला का जन्म 21 अक्टूबर 1937 को कश्मीर में हुआ था। फारूक अब्दुल्ला का जन्म कश्मीर क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ। उनके पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने जेकेएनसी की स्थापना की थी।
फारूक अब्दुल्ला ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की डिग्री हासिल की
बताया जाता है कि कश्मीर के भारतीय प्रशासित हिस्से में एक अर्ध-स्वायत्त राज्य के रूप में जम्मू और कश्मीर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। फारूक अब्दुल्ला ने राजस्थान राज्य के जयपुर से एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की डिग्री हासिल की और सामाजिक कार्य और चिकित्सा में अपना करियर स्थापित किया।
1980 में लोकसभा के लिए चुने गए
फारूक अब्दुल्ला पहली बार राजनीति में तब शामिल हुए जब उन्होंने 1977 में अपने पिता को राज्य विधानसभा के लिए फिर से निर्वाचित कराने में मदद की। 1980 में वे लोकसभा के लिए चुने गए। उन्हें उनके पिता के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया था। सितंबर 1982 में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के निधन के बाद फारूक अब्दुल्ला ने जेकेएनसी के अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाली।
1983 के राज्य विधानसभा चुनावों में जेकेएनसी का नेतृत्व किया
फारूक अब्दुल्ला ने 1983 के राज्य विधानसभा चुनावों में जेकेएनसी का नेतृत्व किया और पार्टी ने तब कुल 76 सीटों में से 46 पर जीत हासिल की। इस दौरान वह मुख्यमंत्री भी बने। 1987 में वह विधानसभा के लिए फिर से चुने गए। जेकेएनसी-कांग्रेस गठबंधन की निरंतरता के साथ वह 1990 तक मुख्यमंत्री बने रहे।
जब फारूक अब्दुल्ला को कर दिया गया था नजरबंद
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू कर दिया। इस दौरान फारूक अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। सितंबर में उनकी ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर किए जाने के बाद उन पर सार्वजनिक व्यवस्था में संभावित गड़बड़ी के भी आरोप लगे। हालांकि उनकी नजरबंदी आदेश समाप्त होने के बाद उन्हें मार्च 2020 में रिहा कर दिया गया था।