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    नयी दिल्ली. आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने महाराष्ट्र के मुंबई में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks) प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य मकसद बैंकों के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करना है।

    वहीं इसके साथ ही मांग और खपत बढ़ाने के लिये बैंक क्षेत्र के महत्व को देखते हए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ बैठक और भी महत्वपूर्ण थी ।

    इसके साथ ही आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के PSU बैंक की जमकर तारीफ भी की है। उन्होंने कहा कि देश के सभी PSU बैंक कोरोना संकट के दौर में मजबूत बनकर उभरे हैं। अभी हाल में ही कई बैंकों का विलय हुआ है और अब बैंक उस वजह से ग्राहकों को कोई दिक्कत भी नहीं होने दे रहे हैं।

    क्या थी मीटिंग की प्रमुख बातें 

    • आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से निर्यातकों के निकायों से बातचीत का आग्रह किया गया है। इससे बैंक उनकी जरूरतों के बारे में समझ सकेंगे।
    • इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, बैंकों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, जिससे ‘एक जिला, एक निर्यात’ एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सके।
    • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि।
    • उनका कहना था कि, पूर्वी भारत के राज्यों में जमा राशि बढ़ रही है, लेकिन ऋण जरूरतों को बढ़ाने की जरूरत है।
    • वित्त मंत्री ने आज ये भी कहा कि बैंकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए लॉजिस्टिक्स और निर्यात पर केंद्रित राज्यवार योजना बनाने को कहा गया है। 
    • इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि,सामूहिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा काम किया है और महामारी के दौरान सेवायें देने के बावजूद वे त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं।
    • उनके साथ ही आज बातचीत में, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि, NPS के तहत कर्मचारियों की पेशन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14% किया गया। 
    • वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मृतक कर्मचारी के लिए वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने पेंशन के मुद्दे पर बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मृतक कर्मचारी के परिवार को अब कर्मचारी के आखिरी वेतन के 30 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। पहले यह पेंशन राशि 9,284 रुपये थी।
    • वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, प्रोत्साहन की रफ्तार को बनाये रखने के लिए बैंक देश के प्रत्येक जिले में ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
    • इसके साथ ही सार्थक कंपनियों के लिए उन्होंने कहा की, हम जल्द ही उनकी विदेशी बाजारों में सीधे सूचीद्धता पर विचार-विमर्श जारी, हमें ऐसे निर्गमों की सफलता सुनिश्चित करने की भी जरूरत है।
    • इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं। सरकार उनकी चिंताओं से अवगत है।

    राहुल गाँधी और कांग्रेस पर किया वार…

    इसके साथ ही आज उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी (Rahul Gandhi)  पर तंज कसते हुए कहा कि, क्या वह (राहुल गांधी) मौद्रिकरण को समझते हैं। वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की। इसके साथ ही कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने तो खुद 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का मौद्रिकरण किया था। इसके साथ ही साल 2008 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव भी आमंत्रित किया गया था। 

    बता दें कि बीते साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक है। अभी हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा था कि सरकार कोरोना महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। वहीं वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने आज कहा कि, उनका यह भी मानना है कि जैसे ही फसलें खेतों से बाहर आयेंगी, महंगाई कम होगी।