नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच वित्त मंत्रालय 2022-23 के लिए वार्षिक बजट 12 अक्टूबर से तैयार करने की कवायद शुरू करेगा। अगले वर्ष के बजट में मांग सृजन, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को निरंतर आठ प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि के रास्ते पर रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना होगा।
यह 2019 में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद केन्द्र सरकार का चौथा बजट और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी चौथा बजट होगा। आर्थिक मामलों के विभाग के बजट प्रभाग के 16 सितंबर, 2021 की तारीख वाले बजट सर्कुलर (2022-23) के अनुसार, “बजट पूर्व/आरई (संशोधित अनुमान) बैठकें 12 अक्टूबर, 2020 से शुरू होंगी।”
सर्कुलर के अनुसार, “सभी वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिशिष्ट एक से सात में निहित इन बैठकों से संबंधित जरूरी विवरण यूबीआईएस (केंद्रीय बजट सूचना प्रणाली) के आरई मॉड्यूल में दर्ज किए गए हैं।” व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ चर्चा पूरी करने के बाद 2022-23 के बजट अनुमानों (बीई) को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसमें कहा गया कि बजट पूर्व बैठकें 12 अक्टूबर से शुरू होंगी और नवंबर के दूसरे सप्ताह तक जारी रहेंगी। सर्कुलर के अनुसार, “इस वर्ष की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए, अंतिम बजटीय आवंटन का आधार समग्र वित्तीय स्थिति होगा और यह मंत्रालय/विभाग की अवशोषण क्षमता के अधीन होगा।”