uddhav thackeray and devendra fadnavis
उद्धव ठाकरे-देवेन्द्र फड़नवीस (फाइल फोटो)

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    महाराष्ट्र, जैसे-जैसे राज्यसभा की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीति के गलियारे में हलचल बढ़ती जा रही है। राज्य सभा चुनाव के लिए 15 राज्यों में कुल 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होना था। लेकिन नामांकन वापिस के पहले कुल 41 प्रत्याशी निर्विरोध सांसद बन गए हैं। लेकिन 10 जून को 16 सीटों पर अब भी चुनाव होना बाकी है। ऐसे में महाराष्ट्र में राज्यसभा के छठी सीट पर चुनाव लगातार पेचीदा होता जा रहा है। इस सीट पर कुल 29 विधायक उनके भविष्य का फैसला करेंगें। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच छठें सीट के लिए सीधे टक्कर है। बात करें 29 विधायकों में तो 13 विधायक निर्दलीय है और 16 छोटे दलों के विधायक हैं। महाराष्ट्र के 6 सीटों में 2 बीजेपी 1 पर शिवसेना, 1 कांग्रेस तथा 1 पर एनसीपी की जीत सुनश्चित है,लेकिन छठीं सीट पर मामला फंसता नजर आ रहा है।

    गौरतलब है छठे सीट पर जीत के चलते अब यह पार्टी के सम्मान की लड़ाई बन चुकी है। छठे सीट पर बीजेपी के  धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार में सीधा मुकाबला है। छठवीं सीट के लिए शिवसेना को 15 सीट की जरूरत है तो बीजेपी को सिर्फ 13 सींट की दरकार है। इनके जीत व हार के फैसले की कुंजी निर्दलीय और छोटे दलों के 29 विधायकों के हाथ में आ गई है।

    महाराष्ट्र में एक राज्य सभा सींट जितने के लिए करीब 42 विधायकों की जरूरत पडती है। महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सींटों में शिवसेना के विधायकों की संख्या 55 है, तो कांग्रेस की 44 और एनसीपी के 54 विधायक बने हैं। जबकी बीजेपी के 106 विधायकों ने बीते हुए चुनाव में जीत हासिल की थी। पेचिदां फंसे छठी सींट के लिए महा अघाड़ी के पास कुल 27 वोट है। इस हिसाब से उनको 15 विधायक और चाहिए। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पास 22 हैं और 7 निर्दलीय ने समर्थन दिया है, ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी को सिर्फ 13 वोटों की और आवश्यकता है।

    अब महाराष्ट्र के छठें सींट पर फसें हार-जीत में बीजेपी व शिवसेना के साथ महा अघाड़ी कितने विधायकों को अपने खेमें में करके जीत हांसिल करती है,यह तो समय और पार्टियों की रणनीति ही बताएगी। लेकिन यह तो तय है कि, महाराष्ट्र में छठवें राज्य सभा की सींट पर किसी भी पार्टी के जीत का रास्ता लगातार उलझता जा रहा है।