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File Pic/Social Media

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नई दिल्ली. आज यानी रविवार को अजनाला मामले पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) ने कहा कि, “कानून व्यवस्था तो भगवंत मान के पास है, वो क्या कर रहे हैं? पंजाब और ईस्ट इंडिया का बॉर्डर पाकिस्तान के साथ लगा हुआ है. अगर ये उसे ठीक से नहीं संभाल सकते हैं तो फिर पंजाब को केंद्र सरकार को ही संभालना पड़ेगा.”

गौरतलब है कि बीते शनिवार को ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा था कि सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में पुलिस थाने ले जाने वालों को पंजाब का ‘वारिस’ नहीं कहा जा सकता।

उन्होंने आगे कहा कि, “जिस दिन अजनाला घटना हुई उस दिन मुख्यमंत्री दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के साथ थे। उन्हें(भगवंत मान) इसमें कोई रूची नहीं है कि पंजाब में क्या चल रहा है। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री कदम उठाने से डरते हैं। इस तरह से कोई भी सरकार नहीं चल सकती जिस तरह से ये सरकार चल रही है। पुलिस को जो आदेश होता है वो वही करते हैं, अगर उन्हें आदेश है कि कुछ नहीं करना है तो वो क्या कर सकते हैं?”

वहीं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने लवप्रीत सिंह की रिहाई को लेकर गुरूवार को अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था। उनके समर्थकों ने यहां बैरिकेड भी तोड़ दिये थे और यहां पुलिस थाना परिसर में बीते गुरूवार को जमकर हंगामा किया था। इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में तलवारें और बंदूकें भी थीं। 

वहीं ये सारे समर्थक मांग कर रहे थे कि अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह उर्फ ‘तूफान’ को रिहा किया जाए। बता दें कि, अमृतपाल को अक्सर खालिस्तान समर्थक के रूप में बताया जाता है और वह ‘वारिस पंजाब दे’ नामक एक संगठन का प्रमुख भी है। अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक थाने में ‘अमृत संचार’ (सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लेकर पहुंचे थे।