Gandhi Jayanti

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    नई दिल्ली: हर भारतीय के लिए 2 अक्टूबर का दिन बहुत अहमियत रखता है। इसी दिन भारत (India) के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का जन्म हुआ था। 2 अक्टूबर का दिन भारत में गांधी जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti) के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपति महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) था। इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।

    महात्मा गांधी को हम बापू के नाम से भी जानते हैं। इसी दिन हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Non-Violence Day) भी सेलिब्रेट किया जाता है। बापू के सत्य और अहिंसा के विचार हमेशा भारत सहित पूरी दुनिया को प्रेरणा देते हैं।

    दक्षिण अफ्रीका में अपने अनुभवों से महात्मा गांधी का जीवन बदल गया था

    महात्मा गांधी एक वकील थे, उनका जीवन दक्षिण अफ्रीका में अपने अनुभवों के माध्यम से बदल गया था। महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अहिंसक साधनों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किए थे। 

    Indian diplomat in America paid musical tribute to Mahatma Gandhi

    दुनिया भर में याद किए जाते हैं महात्मा गांधी

    महात्मा गांधी को उनके सिद्धांतों और भारत की स्वतंत्रता में दिए गए उनके अमूल्य योगदान के लिए आज भी भारत सहित पूरी दुनिया में लोग उन्हें याद करते हैं। देश-विदेश के नेता भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। 

    महात्मा गांधी का जीवन 

    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बेहद ही सरल और साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे। महात्मा गांधी का विवाह मई 1883 को 14 साल की आयु में कस्तूरबा से हुआ था। उस समय कस्तूरबा गांधी की आयु 13 वर्ष थी। बताया जाता है कि महात्मा गांधी प्रतिदिन 18 किलोमीटर पैदल चलते थे। अहिंसा से हिंसा पर जीत के लिए अपने सिद्धांतों से उन्होंने अपनी अलग ही पहचान बनाई थी। महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को “विश्व अहिंसा दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया था।

    American lawmakers paid tribute to Mahatma Gandhi

    महात्मा गांधी की हत्या 

    नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद उनके शव यात्रा में 10 लाख लोग शामिल हुए थे। 15 लाख लोग शव यात्रा के रास्ते में खड़े हुए थे। उनकी शव यात्रा भारत के इतिहास में सबसे बड़ी शव यात्रा थी। लोग खंभों, पेड़ और घर की छतों पर चढ़कर बापू को एक नजर देखना चाहते थे।