
नई दिल्ली. आज देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल स्व. बिपिन रावत (Bipin Rawat) की आज 66वीं जयंती (Birth Anniversary) है। दोस्तों, बीपिन रावत एक ऐसा नाम और शौर्य के घोतक थे, जिससे दुश्मन भी डर के मारे कांपते थे। अपने देश के लिए प्रति इतना प्यार था कि कोई भी देश की आंख उठाता, तो वे उसकी आंख को निकाल लेने में जरा भी नहीं सोचते थे।
कई पीढ़ियों से देश-सेवा में रत
आपको बता दें कि, जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे। साथ ही वे सेना के 27वें आर्मी चीफ रह चुके थे। उन्होंने साल 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख का पद संभाला था। इसके पहले वे भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक रह चुके थे। बिपिन रावत जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। इनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी उत्कृष्ट सेवा दे रहा था।
ऐसा है बिपिन रावत का परिवार
जनरल बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गांव से ताल्लुक रखते थे। जो खुद भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। उनकी मां उत्तरकाशी से थीं और वहां के विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की सुपुत्री थीं। बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत थीं और उनकी सम्प्रति दो बेटियां हैं।
काम ऐसा कि देश करता है याद
बता दें कि बिपिन रावत ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी और खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से भी डिग्री हासिल की थी। जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ हासिल हुआ था। अपनी बेहतरीन काबिलियत, समर्पण और देशभक्ति के जुनून के चलते वे स्वाभाविक रूप से बाद में भारतीय सेना के सबसे ऊंचे ओहदे तक भी पहुंचे थे। आर्मी प्रमुख बनने से पहले उन्होंने कई अहम सैन्य विभागों में सेवा की। जहां उनके कई साहसी फैसलों की छाप आज भी इंडियन आर्मी में बरकरार है।
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हो गए शहीद
जानकारी हो कि बीते 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना में वो वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस हेलिकॉप्टर में जनरल रावत की पत्नी समेत कुल 14 लोग सवार थे। इसमें सभी की दुखद मृत्यु हो गई थी। आज भी देश के पहले CDS के तौर पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत द्वारा लिए गए साहसी फैसलों और सशस्त्र बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने में उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।