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    नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ कश्मीर (Kashmir) में गैर-मुस्लिमों पर अचानक बढ़े हमलों के पीछे आतंकियों (Terrorists) की बौखलाहट अब किसी से छिपी नहीं है। इसकी एक मुख्य वजह वजह कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों से कब्जे हटाने की एक बड़ी मुहिम भी है। दरअसल आतंकवाद के कारण घाटी से पलायन करने वाले पंडितों की संपत्तियों से अवैध कब्जे छुड़ाने का एक वृहद अभियान हाल ही में शुरू किया गया था।

    1990 के बाद पहला  बड़ा मौका

    बता दें कि 1990 के बाद यह शायद पहला मौका है, जब घर छोड़ने को मजबूर हुए पंडितों की जमीनों-मकानों से दूसरों के कब्जे छुड़ाए जा रहे हैं। पता हो कि स्थानीय प्रशासन ने सितंबर में पोर्टल शुरू किया था। इस पर देश में कहीं भी रह रहे कश्मीरी पंडित अपनी संपत्ति पर कब्जे की शिकायत दर्ज करा रहे हैं। शिकायत मिलते ही प्रशासन उक्त संपत्ति से कब्जा छुड़ाने की जरुरी कार्रवाई शुरू कर देता है। वहीं प्रशासन को ऐसे कब्जों की हजारों शिकायतें मिली हैं

    इनमें से 1000 से ज्यादा शिकायतों पर तप कार्रवाई भी हो चुकी है। कुछ शिकायतें ऐसी भी हैं, जिनमें धोखाधड़ी से जमीन हड़पने की बात है। इस पर जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर जिले में कब्जे हैं। सबसे ज्यादा एक हजार शिकायतें तो अकेले अनंतनाग से हीहैं। एक मामला तो ऐसा भी आया था, जहां 5 एकड़ से अधिक जमीन ही हड़प ली गई थी।

    लेकिन अब यह जमीन छुड़ाई जा चुकी है। ज्यादातर मामलों में कब्जा करने वाले उनके पड़ोसी ही हैं। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां भू-माफिया सक्रिय है। इस मुद्दे पर कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के पदाधिकारी संदीप बताते हैं कि सिर्फ पंडित घर छोड़कर नहीं गए थे। काफी सिख और मुस्लिम भी यहाँ से पलायन को मजबूर हुए थे। उनकी संपत्ति भी अप जरुर से वापस दिलाई जानी चाहिए।

    भिन्न-भिन्न अनेकों मामले, कहाँ और कितने

    कुछ नजर आये गलत शिकायतें  

    देखा जाये तो कई मामले ऐसे भी हैं, जहां मकान किसी ने नहीं कब्जाए बल्कि जब कब्जे की शिकायतें मिलने लगीं और जब अफसर मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां किसी का कब्जा ही नहीं है। अनंतनाग में सैकड़ों मकान कई ज़माने से खाली पड़े हैं। कुछ ढह चुके हैं, कुछ ढहने की कगार पर हैं ।

    श्रीनगर में मिली 660 बड़ी शिकायतें

    उधर श्रीनगर के डीसी मोहम्मद एजाज असद ने बताया कि जिले में अब तक कुल 660 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 390 तो अब तक हल भी कर दी गई हैं। वहीं अकेले 16 मामले ऐसे भी पाए गए, जहां राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर जमीन किसी और के नाम पर भी कर दी गई थी।

    शोपियां में अकेले मिली 400 शिकायतें

    यहाँ मिली 400 शिकायतों से  113 शिकायतों का निपटारा भी कर लिया गया है। वहीं कुपवाड़ा, बारामूला, गांदरबल में भी इसी तरह की कई बड़ी कार्रवाई जारी है। बता दें कि कश्मीर छोड़कर गए 41,117 परिवार जम्मू और 21,000 परिवार दिल्ली समेत अन्य राज्यों में फिलहाल पंजीकृत हैं। जिन्हें अब इस पोर्टल के हलने से थोड़ी बहुत आशा बंधी है।